लॉकडाउन में बेची दो लाख की सब्जी, अब युवाओं को सीखा रहे हैं खेती कर आत्मनिर्भर बनने का गुर
वैश्विक संकट कोरोना ने लोगों की जिंदगी में कई अहम बदलाव की शुरूआत की है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अब लोगों ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है।
सरायकेला (जागरण संवाददाता)। वैश्विक संकट कोरोना ने लोगों की जिंदगी में कई अहम बदलाव की शुरूआत की है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अब लोगों ने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। वैसे संकट के इस दौर में अब समय आ गया है, कि लोग अब गंभीरता से आगे बढ़ें। इस दिशा में प्रदीप बारीक ने मिसाल पेश की है। हम बात कर रहे हैं सरायकेला- खरसांवा जिले के गम्हरिया प्रखंड क्षेत्र के नुआगढ़ पंचायत की। जहां गम्हरिया प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप बारीक ने वैश्विक संकट के इस दौर को अवसर में बदलने का काम शुरू करते हुए अपने साथ तीन अन्य लोगों को लेकर करीब तीन एकड़ पैतृक जमीन पर सब्जियों की खेती शुरू कर दी है। जहां से उन्हें अच्छी- खासी कमाई होने लगी है। इतना ही नहीं कांग्रेसी नेता ने अपने साथ अपने गांव औऱ आसपास के दर्जनों युवाओं को रोजगार से जोड़ा है।
इस संबंध में प्रदीप बारीक ने बताया कि लॉकडाउन और आर्थिक मंदी के कारण औद्योगिक क्षेत्र के कई युवा बेरोजगार हुए हैं। ऐसे में इस धंधे को अब रोजगार के अवसर में बदलने से काफी सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया कि खेती में उपजे सब्जियों को जमशेदपुर के मंडियों में पहुंचाया जाता है, जिससे सब्जियों की अच्छी कीमत भी मिल रही है। अबतक दो लाख की सब्जी बेच चुके है। वहीं उन्होने सरकार से सहयोग की अपील की है, ताकि खेती को अवसर के रूप में शुरू किया जा सके। उन्होंने बताया कि खेती से हर दिन इन्हें अच्छी- खासी आमदनी भी आने लगी है। निश्चित तौर पर प्रदीप बारीक ने अपने प्रायस के समाज के लिए एक नजीर पेश की है।
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उन्नत कृषि तकनीक के साथ-साथ पूरी जैविक सब्जी का उत्पादन लेने में बकरी और मुर्गी का खाद उपयोग में लेते है। ताकि स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव नहीं पड़े और उत्पादन भी अच्छा मिले। सब्जी की शुद्धता अब पहचान बन गई है। खुद अपने वाहन से जमशेदपुर मंडी में स्वयं सब्जी बेचकर अच्छी कीमत हासिल कर रहे हैंं।