Durga Puja 2020 : कोरोना ने किया उत्साह किरकिरा,सरकारी फरमान से फीकी रहेगी दुर्गापूजा
दुर्गापूजा को लेकर चल रहे उहापोह का पटाक्षेप तो झारखंड सरकार ने कर दिया लेकिन इसने यह भी साफ कर दिया कि इस बार भव्य पूजा पंडाल देखने को नहीं मिलेंगे। पूजा समितियां सरकार के निर्देश से असहमति जताते हुए संशोधन की मांग कर रही है।
जमशेदपुर, जासं। दुर्गापूजा को लेकर चल रहे उहापोह का पटाक्षेप तो झारखंड सरकार ने कर दिया, लेकिन इसने यह भी साफ कर दिया कि इस बार भव्य पूजा पंडाल देखने को नहीं मिलेंगे। इसके लिए आयोजकों ने पहले से ही मन बना लिया था, लेकिन उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि सरकार इतना छोटा पंडाल बनाने का आदेश देगी कि उसमें पूजा करने में कठिनाई हो। भोग बनाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है, जिससे आयोजक परेशान हैं। एक आदेश और है कि प्रतिमा सड़क से नहीं दिखनी चाहिए। पंडाल में सात लोग से ज्यादा नहीं रहेंगे, आदि-आदि। इस संबंध में जब हमने सार्वजिनक पूजा कमेटियों से बात की, तो उनकी अलग-अलग प्रतिक्रिया मिली। यहां प्रस्तुत है, आयोजकों के विचार।
काशीडीह : सरकार का फरमान तुगलकी, नहीं हो सकती पूजा
शहर के भव्यतम पूजा पंडालों में शुमार काशीडीह के ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह क्लब के संरक्षक अभय सिंह कहते हैं कि दुर्गापूजा को लेकर सरकार का जो फरमान आया है, उसे तुगलकी ही कहा जा सकता है। सरकार कहती है कि आठ गुना आठ फुट का पंडाल बनाना है। अब बताइए कि इसमें दुर्गा मां सहित अन्य प्रतिमा कैसे स्थापित हो सकती है। दूसरी बात कलश कहां रहेगा, हवन कहां होगा। पूजन सामग्री कहां रहेगी। पांच-पांच पुरोहित और यजमान कैसे बैठेंगे। यह संभव ही नहीं है। दूसरी बात प्रशासन ने भोग बनाने से मना किया है। भला कोई पूजा बिना भोग-प्रसाद के कैसे हो सकती है। कोरोना काल में जब लॉकडाउन था तो सरकार ने खुद घर-घर जाकर खिचड़ी बांटी, जगह-जगह भीड़ लगाकर थाना पुलिस ने भोजन वितरण किया, तो क्या हम भोग बना लेंगे तो कोरोना फैल जाएगा। इसका तर्क बता दे सरकार। मैं शुरू से कह रहा हूं कि इस बार सादगी से पूजा होगी। मेला-दुकान नहीं लगेंगे, सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा, तब सरकार को क्या आपत्ति है। सरकार को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे जनता को विद्रोह करने की नौबत आ जाए। मेरे यहां तो लाउडस्पीकर बजेगा, जिसे रोकना है, रोक ले।
शिवशंकर समिति, डिमना रोड, मानगो : कम से कम 50 लोगों को मिले दर्शन की अनुमति
शिवशंकर दुर्गापूजा समिति डिमना रोड मानगो के मुख्य संरक्षक अविनाश सिंह राजा व आयोजन समिति के प्रमुख गणेश सिंह कहते हैं कि सरकार द्वारा दुर्गापूजा के लिए जारी किए गए गाइडलाइन त्रुटिपूर्ण है। सरकार द्वारा पूजा के लिए पुजारी समेत सात लोगों से अधिक लोगों को पूजा करने की अनुमति नहीं दी है। पूजा के दौरान मुख्य पुजारी समेत चार से पांच पंडित पूजा में अपना सहयोग करते हैं। ऐसी स्थिति में पूजा के दौरान शर्त के साथ कम से कम 50 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति देनी चाहिए। इसके अलावा मूर्ति बाहर से नहीं देखने की बात कही गयी है, यह भी दोषपूर्ण है। हजारों श्रद्धालु ऐसे हैं जो कार में बैठकर दूर से ही माता की दर्शन करते हैं। यदि मूर्ति दिखाई ही नहीं देगी तो और परेशानी होगी। सरकार को पूजा को लेकर दोबारा गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।
टेल्को कालोनी : दुर्गापूजा में ढाकी बजाने की उठी मांग
टेल्को कालोनी स्थित श्रीश्री सार्वजनिन ट्रक पार्क पूजा समिति ने सरकार के दिशा-निर्देश का पालन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से पूजा मनाने का निर्णय लिया है। यहां पंडाल छोटा बनेगा तो प्रतिमा भी छोटी रहेगी। मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा। समिति के महासचिव विनोद सिंह के मुताबिक यहां ट्रक पार्क में 1962 से ही पूजा की जा रही है। पूजा कमेटी की बैठक में सरकार से पूजा के दौरान ढाकी बजाने की इजाजत मांगी गई है। कहा गया है कि परंपरा के मुताबिक यह आवश्यक है।
टेल्को डी रोड में नहीं लगेगा मेला
कोरोना को लेकर दुर्गापूजा की तैयारी भी धीमी हो गई है। जहां-जहां भव्य पंडाल बनाकर पूजा की जाती थी, वहां इस बार सांकेतिक पूजा करने का निर्णय लिया गया है। टेल्को कालोनी स्थित डी. रोड में इस बार मेला नहीं लगेगा। पूर्वांचल दुर्गापूजा कमेटी हर वर्ष की भांति इस बार भी मां-दुर्गा की पूजा-अर्चना पूरे विधि-विधान के साथ करेगी। प्रतिमा छोटी बनेगी, पंडाल भी छोटा रहेगा। समिति के महासचिव अशोक उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 1957 से यहां कॉलोनीवासी मां दुर्गे की आराधना करते आ रहे हैं। उन्होंने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लाउडस्पीकर बजाने, बाहर से लोगों को मां का दर्शन करने, पूजा स्थल पर कम से कम 10 लोगों के उपस्थित रहने की अनुमति प्रशासन से मांगी है। टेल्को डीलर्स होस्टल के पास होने वाली दुर्गापूजा भी सांकेतिक तरीके से होगी। छोटे से पंडाल में छोटी प्रतिमा बनाकर श्रद्धालु मां दुर्गे की उपासना करेंगे। यहां दुर्गापूजा में मेले सा नजारा रहता है, जो इस बार नहीं रहेगा। श्रीश्री हारा पार्वती दुर्गापूजा कमेटी की ओर से यहां 1962 से ही पूजा-अर्चना कर रही है। समिति के अध्यक्ष राजकिशोर साहु ने कहा कि कमेटी की बैठक में सादगीपूर्ण तरीके व भीड़-भाड़ से बचते हुए पूजा करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के दिशा-निर्देश का पालन होगा तथा पूजा में किसी तरह का सांस्कृतिक आयोजन नहीं होगा।
गोविंदपुर सामुदायिक विकास मैदान
गोविंदपुर सामुदायिक विकास मैदान में सरकारी दिशा-निर्देश का पालन करते हुए दुर्गापूजा का आयोजन किया जाएगा। पिछले दिनों पूजा के आयोजन को लेकर श्रीश्री सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति की बैठक हुई, जिसमें कमेटी ने तय किया कि दुर्गा मां की प्रतिमा पांच फीट से कम होगी। पुष्पांजलि व फूल चढ़ाने का आयोजन नहीं होगा। इस साल भोग वितरण नहीं किया जाएगा, ताकि भीड़-भाड़ से बचा जा सके।
ये कहते समिति के पदाधिकारी
कोरोना को लेकर शारीरिक दूरी के साथ पूजा अर्चना करना आवश्यक है। जहां तक ढाकी बजाने की बात है, परंपरा के मुताबिक मां की आराधना में इसका बजना शुभ व आवश्यक भी होता है। वहीं, पूजा स्थल पर मात्र पांच से छह लोगों का रहना संभव नहीं है। कारण कि पूजा में पाठ करने से लेकर अन्य विधि के लिए पांच से छह पंडित रहते हैं, उसके बाद यजमान रहेंगे, फिर कुछ समिति के लोगों का रहना होगा। ऐसे में कम से कम 10 लोगों को पूजा स्थल पर रहने की इजाजत मिलनी चाहिए।
- विनोद कुमार सिंह, महासचिव, सार्वजनिन ट्रक पार्क पूजा समिति