जयंती पर याद किए गए डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व खुदीराम बोस
चाईबासा के जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वाधान प्रथम राष्ट्रपति देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती गुरुवार को कांग्रेस भवन मनाई गई। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक सशक्त सेनानी व नेता के रूप में उभरे थे।
चाईबासा : जिला कांग्रेस कमिटी के तत्वाधान प्रथम राष्ट्रपति देश रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद व अमर शहीद खुदीराम बोस की जयंती गुरुवार को कांग्रेस भवन मनाई गई। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एक सशक्त सेनानी व नेता के रूप में उभरे थे। वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सानिध्य में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ निरंतर लड़ते रहे।
वर्ष 1931 के नमक सत्याग्रह और 1941 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें कई बार जेल की यातनाएं झेलनी पड़ी। राजेन्द्र बाबू का सादा जीवन उच्च विचार लोगों के लिए प्रेरणादायक साबित होता रहा।डॉ.राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में सामाजिक प्रगति के प्रतीक राजेन्द्र बाबू संविधान के मूल अधिकार, मूल कर्तव्य राज्य के नीति निदेशक और गरीबों के उत्थान के प्रति सदैव चिंतित रहा करते थे। महज 18 वर्ष की उम्र में फांसी के तख्ते पर चढ़ने वाले खुदीराम बोस के याद करते हुए कहा उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया।खुदीराम ने फांसी की सजा को सहर्ष स्वीकार किया।
जयंती समारोह में जिला कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रंजन बोयपाई, प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पूनम हेम्ब्रम , सांसद प्रतिनिधि त्रिशानु राय , जितेन्द्र नाथ ओझा , राकेश सिंह , सहकारिता विभाग चेयरमैन नीरज झा, ओबीसी प्रकोष्ठ चेयरमैन चन्द्रशेखर दास, नगर अध्यक्ष मुकेश कुमार, आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रूप सिंह बारी, युवा कांग्रेस महासचिव पूर्ण चंद्र कायम , सदर प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां,पूर्व युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष सनातन सावैयां, मार्शल सोय, मो० असलम , शकीला बानो , राजू कारवा,रवि कच्छप,विजय सिंह तुबिड, मोहम्मद साजिद,सुशील दास आदि उपस्थित थे