एमजीएम नहीं आना चाह रहे डॉक्टर, नौ में से चार ने ही दिया योगदान
नौ सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर नियुक्त किए गए थे। अबतक सिर्फ चार डॉक्टर ने ही काम शुरू किया है।
जमशेदपुर (जासं)। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हो रही है। सरकार बहाली भी कर रही है तो यहां कोई आना नहीं चाह रहा है।
बीते 24 सिंतबर को स्वास्थ्य विभाग ने एमजीएम अस्पताल में नौ सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति की थी। सबको एक सप्ताह के अंदर योगदान देने को कहा गया था पर अबतक सिर्फ चार डॉक्टर ने ही काम शुरू किए हैं। दो महीना के बाद पांच डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे। एमजीएम प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को भेज दी है। इससे पूर्व भी एमजीएम अस्पताल में सीनियर रेसिडेंट के पद पर 12 डॉक्टरों की नियुक्त हुई थी, जिसमें पांच ने इस्तीफा देकर चले गए।
दो महीने के बाद एक डॉक्टर योगदान देने पहुंचा
दो महीने के बाद एक डॉक्टर योगदान देने पहुंचा। इसे देखते हुए एमजीएम अधीक्षक डॉ. एसएन झा ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस संदर्भ में दिशा-निर्देश मांगा है। अधीक्षक ने बताया कि योगदान शुरू करने का समय बीत गया है। एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से मरीजों को बेहतर चिकित्सा देने में परेशानी होती है।