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Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री को अपशब्द कहने वाले डाॅक्टर की बढ रहीं मुश्किलें, कभी भी हो सकती गिरफ्तारी

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को अपशब्द कहने वाले अस्पताल के संचालक डाॅक्टर की मुश्किलें बढती जा रही है। उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। थाने में मामला पहले ही दर्ज कर लिया गया है। जांच की गाडी आगे बढ गइ है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 09:12 PM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 09:22 AM (IST)
Jharkhand के स्वास्थ्य मंत्री को अपशब्द कहने वाले डाॅक्टर की बढ रहीं मुश्किलें, कभी भी हो सकती गिरफ्तारी
111 से लाइफ अस्पताल अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद।

जमशेदपुर/ सरायकेला, जेएनएन। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को अपशब्द कहने वाले अस्पताल के संचालक डाॅक्टर की मुश्किलें बढती जा रही है। उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। थाने में मामला पहले ही दर्ज कर लिया गया है।

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बुधवार को सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर- 2 स्थित 111 से लाइफ अस्पताल की जांच करने एडीसी सुबोध कुमार के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम अस्पताल पहुंची। करीब दो घंटे तक जांच की। एडीसी ने बताया कि सिविल सर्जन के एक पत्र के आलोक में जिले के उपायुक्त अरवा अरवा राजकमल ने जांच टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी है। सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल के डॉक्टर को सूची उपलब्ध करा दी गई है जिसकी जांच चल रही है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मंगलवार को जिले के उपायुक्त से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने के सवाल पर एडीसी ने कहा, कि उन्हें जिस संबंध में जांच की जिम्मेदारी दी गई है उसी विषय पर सवाल किया जाए। फिलहाल जांच टीम को 72 घंटों में रिपोर्ट सौंपनी है।

ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि बीते शनिवार को अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक आदेश पर जांच को पहुंचे प्रभारी सिविल सर्जन एवं दो अन्य पदाधिकारियों को अपेक्षित सहयोग करने के बजाय उनके साथ बदसलूकी की थी। इतना ही नहीं डॉक्टर ओपी आनंद ने मीडिया के समक्ष स्वास्थ्य मंत्री एवं जांच अधिकारियों के खिलाफ बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और अश्लील शब्दों का प्रयोग किया था। जिसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के एसपी के निर्देश पर आरआईटी थाने में कांड संख्या 68/ 21 के तहत धारा 341, 323, 340, 304, 506 और 188 के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है। सभी धाराएं गैर जमानती हैं। उन्हें 48 घंटों के भीतर जवाब देने को कहा गया था। हालांकि, सोमवार को डॉक्टर आनंद ने वीडियो जारी कर अपने बयान पर माफी मांगते हुए जांच अधिकारियों पर जबरन परेशान करने का भी आरोप लगाया था।

नए विवाद को दिया जन्म

वहीं मंगलवार को जिले के उपायुक्त के नाम एक सूचना अपने अस्पताल के गेट पर चस्पा कर उन्होंने एक नया विवाद को जन्म दे दिया था। जिसमें उन्होंने जिले के उपायुक्त से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की बात कही थी। साथ ही नए मरीजों को भर्ती लेने से मना कर दिया था। हालांकि, मंगलवार को ही गम्हरिया एवं राजनगर के सीओ देर शाम जांच करने अस्पताल पहुंचे थे। इधर, बुधवार को एडीसी के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम ने जांच शुरू कर दी है। जांच टीम में सरायकेला एसडीओ रामकृष्ण कुमार, गम्हरिया सीओ मनोज कुमार, राजनगर सीओ धनंजय राय, जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉक्टर जुझार माझी व अन्य डॉक्टर एवं पदाधिकारी शामिल हैं। हालांकि अब तक डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि उन पर लगे सभी धाराएं गैर जमानती हैं। एडीसी सुबोध कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जाएगी।

आटो चालक आए बन्ना गुप्ता के समर्थन में

आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद द्वारा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को अपशब्द कहने का मामला दिनोंदिन तूल पकड़ता जा रहा है।स्वास्थ्य मंत्री पर अभद्र टिप्पणी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब टेंपो चालक यूनियन के सदस्यों ने भी डॉक्टर के इस बयान के प्रति कड़ा विरोध दर्ज किया है। बुधवार को सरायकेला - खरसावां शिक्षित बेरोजगार ऑटो यूनियन के सदस्यों ने सड़क पर अपनी ऑटो खड़ी कर डॉक्टर ओपी आनंद का विरोध करते हुए उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ऑटो चालक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ऑटो चालकों के अभिभावक और सुख - दुख के साथी हैं। ऐसे में इस कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्री के प्रति अशोभनीय भाषा का प्रयोग करना ओछी मानसिकता को दर्शाता है। ऑटो यूनियन के अध्यक्ष ओम सिंह फिलहाल शहर से बाहर हैं।

कोरोना काल नहीं होता तो खोल देते डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा

जिला शिक्षित बेरोजगार ऑटो यूनियन के सदस्यों ने डॉक्टर ओपी आनंद का विरोध करते हुए बताया कि यदि कोरोना महामारी का प्रकोप नहीं होता तो ये लोग डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जबरदस्त आंदोलन करते। लेकिन अभी ये सभी सुरक्षित माहौल में रहते हुए दूसरों को भी सुरक्षित रहने की अपील कर रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से ही डॉक्टर के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे।


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