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भाजपा एसटी मोर्चा के पूर्वी सिंहभूम के जिला मंत्री ने छोड़ा पार्टी का दामन

भाजपा से इस्तीफा देने के बाद जुझार सोरेन झारखंड पार्टी (नरेन) के पार्टी मुख्यालय में जेपी पार्टी में शामिल हो गए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 01:07 PM (IST)
भाजपा एसटी मोर्चा के पूर्वी सिंहभूम के जिला मंत्री ने छोड़ा पार्टी का दामन
भाजपा एसटी मोर्चा के पूर्वी सिंहभूम के जिला मंत्री ने छोड़ा पार्टी का दामन

जमशेदपुर (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अनुसूचित जनजाति मोर्चा (एसटी मोर्चा) के पूर्वी सिंहभूम जिला मंत्री जुझार सोरेन ने भाजपा का दामन छोड़ दिया। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद जुझार सोरेन पश्चिम बंगाल के झाडग़्राम में झारखंड पार्टी (नरेन) के पार्टी मुख्यालय में जेपी पार्टी में शामिल हो गए। झाडग़्राम में झारखंड पार्टी नरेन के अध्यक्ष सह पूर्व विधायक चुनीबाला हांसदा ने जुझार सोरेन को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए पार्टी में शामिल किया। झारखंड पार्टी नरेन के केंद्रीय अध्यक्ष ने जुझार सोरेन को घाटशिला विधानसभा में संगठन के मजबूती का निर्देश दिया।

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तरह -तरह की चर्चा 

इधर, जुझार सोरेन के भाजपा छोडऩे से पार्टी के अंदर ही तरह-तरह की चर्चा है। जुझार सोरेन घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के बनकाटी पंचायत अंतर्गत बैतालपुर गांव के रहने वाले हैं। गांव में सड़क व अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव होने के कारण इन्होंने पार्टी का दामन छोड़ा। जहां घाटशिला विधानसभा में भाजपा के विधायक लक्ष्मण टुडू व लोकसभा में सांसद विद्युत वरण महतो हैं। घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर भी हैं। 

 कई पहले छोडी पार्टी

इससे पहले भी सांगठनिक व्यवस्था से नाराज होकर कई पुराने भाजपाइयों ने संगठन से दूरी बना ली है। अब पार्टी के युवा नेता भी संगठन से तौबा करने में ही भलाई समझ रहे। आरोप है कि संगठन में बड़े पदों पर रहने वाले नेता चाकुलिया व बहरागोड़ा पर ही ज्यादा ध्यान देने में लगे रहते हैं। घाटशिला में संगठन के प्रति पार्टी नेताओं के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण जिला मुख्यालय में ही भाजपा कमजोर होती दिख रही है। ऐसा ही आलम रहा तो आने वाले चुनाव में भाजपा संगठन को सांगठनिक ढांचा को मजबूत बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। 

उठाया विकास का सवाल

इधर, जुझार सोरेन ने कहा कि उनके गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। गांव में एक सड़क तक बनी बनी। ऐसे में संगठन में रहने से क्या फायदा। इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर झारखंड पार्टी नरेन का दामन थाम लिया। झारखंड पार्टी नरेन के शेख अखिरुदीन के नेतृत्व में जुझार पार्टी में शामिल हुए। 


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