आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एमजीएम में बबाल,कार्यालय में तोडफ़ोड़
आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर एमजीएम अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। अधीक्षक एवं उपाधीक्षक ने पहुंचकर लाभुकों को समझाने का प्रयास किया फिर भी लोग नहीं माने।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। मोदी जी कहते है कि बच्चा-बच्चा का बनेगा गोल्डन कार्ड और आप कहते है कि बाद में बनेगा। आप प्रधानमंत्री का भाषण सुनते नहीं है क्या? तेज आवाज में एक महिला लाभुक महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जोर-जोर से चिल्ला रही थी। वह पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर से 35 किलोमीटर दूर सरायकेला खरसावां जिले के चौका से कार्ड बनाने के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंची थी। जब नहीं बना तो वह अधीक्षक डॉ. एसएन झा से भी उलझ गई। बुधवार की दोपहर करीब 12.30 बजे आयुष्मान कार्ड बनाने को लेकर लाभुकों ने एमजीएम अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
दिखा आक्राेश
लाभुकों में आक्रोश इतना तेज था कि आयुष्मान भारत के कार्यालय में भी तोडफ़ोड़ कर दिया। दरवाजा में लगे कांच को तोड़ दिया। मौके पर अधीक्षक डॉ. एसएन झा एवं उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी पहुंचकर लाभुकों को समझाने का प्रयास किया फिर भी वे लोग नहीं माने। बढ़ती भीड़ को देखते हुए मौके पर पहुंचकर होमगार्ड व निजी सुरक्षाकर्मियों ने के गार्डों ने मोर्चा संभाला। इस दौरान लाभुकों ने उनसे भी उलझ गये। इसमें एक सुरक्षाकर्मी के हाथ भी कट गया। लोग हंगामा करने से बाज नहीं आए तो करीब तीन घंटे के लिए आयुष्मान भारत के कार्यालय को बंद कर दिया गया। इससे लाभुक और भी भड़क गये और वह शाम चार बजे तक कार्यालय के बाहर ही बैठे रहे। उन लोगों का कहना था कि जबतक कार्ड नहीं बनेगा हमलोग नहीं जाएंगे। फिर शाम चार बजे से कार्ड बनना शुरू हुआ।
सुबह सात बजे से लाइन में लगी थीं प्रमिला
चौका निवासी प्रमिला देवी ने बताया कि वह सुबह सात बजे से लाइन लगी हुई है। लेकिन दोपहर के एक बजे तक उनका कार्ड नहीं बन सका है। इसी तरह सैकड़ों लोग करीब 60 से 70 किलोमीटर दूर-दूर से कार्ड बनाने के लिए पहुंचे थे।
इस तरह बिगड़े हालात
सुबह सात बजे से ही लाभुकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। सुबह दस बजे जब आयुष्मान भारत के कार्यालय खुला तो भारी भीड़ उमड़ पड़ा था। इस दौरान पहले अस्पताल में भर्ती मरीजों को प्राथमिकता दी जा रही थी और उनका कार्ड बनाया जा रहा था। ताकि योजना का लाभ उन्हें मिल सके। इसी दौरान बाहर लाइन में खड़े लोगों का गुस्सा फुट पड़ा और वे हंगामा करने लगे। ये लोग गम्हरिया, पटमदा, सरायकेला, जुगसलाई, बागबेड़ा, चौका, मानगो, साकची, टेल्को, जेम्को सहित अन्य क्षेत्र से पहुंचे थे।
भर्ती मरीजों को दी जा रही प्राथमिकता
बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को निर्देश आया है कि पहले जो मरीज अस्पताल में भर्ती है उनका कार्ड बनाया जाए। ताकि योजना का लाभ उन्हें मिल सके। योजना के तहत पांच लाख तक गरीब मरीजों को मुफ्त में इलाज मिलेगा।
क्या कहते हैं लाभार्थी
मैं तीन दिन से कार्ड बनाने के लिए आ रहा हूं। लेकिन हर बार लौटा दिया जा रहा है। कभी सर्वर खराब तो कभी बाद में आने को कहा जा रहा है।
- कविता वासनी, शंकोसाई।
मैं सुबह से ही आया हूं। मोदी जी ने कहा है कि कार्ड बनाने के बाद मुफ्त में इलाज मिलेगा लेकिन यहां तो कार्ड ही नहीं बन रहा है।
- झरना दास, मुखियाडांगा।
मैं तीन दिन से आ रहा हूं। योजना अच्छी है पर तैयारी अधूरी है जिसका परेशानी भुगतना पड़ रहा है। योजना लांच होने से पूर्व ही कार्ड बना देना चाहिए।
- रीना देवी, शंकोसाई।
सुबह सात बजे से ही आया हूं। कभी इंटरनेट नहीं काम करने की बात कहीं जा रही है तो कभी बाद में कार्ड बनाने को कहा जा रहा है। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।
- दयानंद सिंह, जेम्को।
कार्ड बनाने के लिए चौका से आया हूं पर भीड़ काफी है। मैं गर्भवती हूं फिर भी कार्ड नहीं बन रहा है। सुबह से ही लाइन लगी हूं। जब कार्ड ही नहीं बनेगा तो मुफ्त में इलाज कैसे मिलेगा।
- जोसना सिंह, चौका।
ये कहते हैं एमजीएम के अधीक्षक
एमजीएम के अधीक्षक डॉ. एसएन झा ने कहा कि नई योजना है इसलिए लोगों में जागरूकता की कमी है। अगर किसी लाभुक की तबीयत खराब होती है और वह सूचीबद्ध अस्पताल में भर्ती होता है तो उसी दौरान तत्काल उसका कार्ड बनकर इलाज शुरू हो जाएगा। ये बात समझने की जरूरत है।