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एकतरफा फैसले से भड़की टीआरएफ यूनियन, रखी रिव्यू की मांग

प्रबंधन ने एकतरफा निर्णय लेते हुए 8.33 फीसद बोनस कर्मचारियों को बैंक खाते में भेजी है। जिसका विरोध हो रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 05:00 PM (IST)
एकतरफा फैसले से भड़की टीआरएफ यूनियन, रखी रिव्यू की मांग
एकतरफा फैसले से भड़की टीआरएफ यूनियन, रखी रिव्यू की मांग

जमशेदपुर (जेएनएन)।  टाटा रॉबिंस फ्रेजर कंपनी (टीआरएफ ) में बोनस को लेकर प्रबंधन और यूनियन के बीच ठन गई है। कंपनी प्रबंधन व लेबर यूनियन के बीच वार्ता हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। यूनियन नेताओं ने प्रबंधन को बोनस समझौते को रिव्यू करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उस पर प्रबंधन का कोई जवाब नहीं आया। 

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यूनियन अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने बताया कि यूनियन की पूरी टीम कंपनी के एमडी सुमित शुभदर्शन, सीएचआरओ अमिताभ झा व आईआर अधिकारी अरविंद कुमार के साथ घंटों बातचीत की। यूनियन का कहना था कि प्रबंधन ने एकतरफा निर्णय लेते हुए बोनस अधिनियम के तहत 8.33 फीसद बोनस कर्मचारियों को बैंक खाते में भेजी है। जिसका विरोध हो रहा है। ऐसे में प्रबंधन को एक बार फिर समझौते को रिव्यू करना चाहिए ताकि इससे सभी कर्मचारी लाभान्वित हो सके।

राकेश्वर पांडेय ने कहा कि रात तक प्रबंधन पक्ष से सकारात्मक पहल नहीं हुई तो यूनियन प्रबंधन का विरोध करना शुरू करेगी। पहले चरण में प्रबंधन-यूनियन की गठित संयुक्त कमेटियों की बैठक का बहिष्कार किया जाएगा। कंपनी में कार्य करते हुए किसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया जाएगा। जानकारी हो कि प्रबंधन इस साल (2017-18) बोनस अधिनियम के तहत कर्मचारियों के बैंक खाते में राशि भेज दी है। टीआरएफ लेबर यूनियन बीते साल की तरह बेसिक-डीए (एक माह का वेतन) के आधार पर बोनस की मांग कर रही है।


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