एमबीबीएस न पोस्ट ग्रेजुएशन, फिर भी बने बैठे हैं चर्म रोग विशेषज्ञ
एमबीबीएस न पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी)फिर भी चर्म रोग विशेषज्ञ। यह एक डॉक्टर की कहानी है। नाम है- डॉ. एम. शरीफ। ये बजाब्ता क्लिक संचालित करते हैं।
जमशेदपुर [अमित तिवारी]। एमबीबीएस न पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी),फिर भी चर्म रोग विशेषज्ञ। यह एक डॉक्टर की कहानी है। नाम है- डॉ. एम. शरीफ। इनकी तरह जमशेदपुर शहर में कई डॉक्टर अपने नाम के आगे चर्म रोग, हड्डी रोग और शिशु रोग विशेषज्ञ लिखकर मरीजों को झांसा दे रहे हैं।
डॉ. एम. शरीफ की क्लिनिक जुगसलाई स्थित सेवा सदन रोड में है। क्लिनिक की दीवार पर बड़े शब्दों में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. एम शरीफ लिखा हुआ है। फोन नंबर भी अंकित है। इनकी शिकायत जमशेदपुर चर्म रोग विशेषज्ञ की संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट (आइएडीवीएल) ने राष्ट्रीय मुख्यालय व स्वास्थ्य विभाग से है।
डॉ. एम. शरीफ पर आरोप है कि बिना डिग्री के खुद को चर्म रोग विशेषज्ञ बताकर इलाज कर रहे हैं। जब दैनिक जागरण ने इन आरोपों की पड़ताल की तो पाया कि डॉ. एम. शरीफ का नाम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) की सूची में दर्ज नहीं है। साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और आइएडीवीएल की सूची में भी दर्ज नहीं है। आइएडीवीएएल के सचिव डॉ. आर कुमार ने भी इसकी पुष्टि की।
ये है नियम
- बिना डिग्री के कोई भी व्यक्ति मरीज देखकर दवा नहीं लिख सकता है।
- एमबीबीएस डिग्रीधारी सभी बीमारियों को देख सकते हैं लेकिन दवा की पर्ची पर विशेषज्ञ नहीं लिख सकते हैं।
- अगर कोई डॉक्टर अपने आप को चर्म एवं गुप्त रोग विशेषज्ञ बताता है तो उसका रजिस्ट्रेशन एमसीआइ व आइएडीवीएल में होना चाहिए।
- चर्म रोग विशेषज्ञ के पास एमबीबीएस के अलावा किसी भी संस्थान से पीजी की डिग्री होनी चाहिए। तभी विशेषज्ञ कहा जा सकता है।
और भी कई बीमारियों के विशेषज्ञ बताते हैं शरीफ
डॉ. एम. शरीफ की दवा पर्ची पर कहीं भी डिग्री अंकित नहीं है, लेकिन चर्म रोग विशेषज्ञ जरूर लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने खुद को एक्जिमा, फंगल इंफेक्शन, सोरायसिस, सफेद दाग, बाल झड़ना, मुंहासे, चोट पर निशान सहित अन्य रोग विशेषज्ञ भी बताया है।
दवा पर्ची पर बिना डिग्री के लिखा है चर्म रोग विशेषज्ञ
दैनिक जागरण टीम जब डॉ. एम. शरीफ की क्लिनिक में पहुंची तो वे धोती-गंजी में इलाज करते मिले। उन्होंने एक मरीज से बीमारी पूछा तो उसने शरीर में खुजली होने की बात कही। इसके बाद उन्होंने आठ दवाएं लिखीं। इसमें मलहम व इंजेक्शन भी शामिल है। इंजेक्शन डॉ. एम. शरीफ खुद ही देना चाहते थे, मगर मरीज ने लेने से इन्कार कर दिया। आठों दवाओं के आगे कंपनी का नाम भी लिखा गया है, जो गैरकानूनी है। उधर डॉक्टर एम. शरीफ मरीज को यह कहते हुए मिले कि उनकी अपनी दवा दुकान जुगसलाई पुरानी बस्ती में है। वहां उनका बेटा बैठता है। वहां दवाएं सस्ती मिलेंगी।
ये कहते डॉ एम शरीफ
मैंने पत्रचार के माध्यम से कोर्स किया है। मेरे पास एमबीबीएस की डिग्री नहीं है। मैंने पोस्ट ग्रेजुएशन नही किया है।
-डॉ. एम. शरीफ, सेवा सदन अस्पताल रोड, जुगसलाई
होनी चाहिए सख्त कार्रवाई
बिना डिग्री कोई भी व्यक्ति अपने आप को डॉक्टर नहीं लिख सकता है। ऐसे लोगों पर सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं हो।
-डॉ. एएन झा, अध्यक्ष, आइएडीवीएल
बांट रहे बीमारी
फर्जी और बिना डिग्री के शहर में कई चिकित्सक खुद को चर्म रोग विशेषज्ञ बता कर प्रैक्टिस कर रहे हैं। वह मरीजों का इलाज नहीं बल्कि बीमारी बांट रहे हैं। ऐसे कई मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
-डॉ. आर कुमार, सचिव, आइएडीवीएल