एमजीएम उपाधीक्षक की जांच में सामने आया मौत का कारण, आरोप निकला गलत Jamshedpur News
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में रविवार की रात एक मरीज की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के स्वजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही व अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। सोमवार की सुबह ड्यूटी पर...
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में रविवार की रात एक मरीज की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतक के स्वजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही व अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। सोमवार की सुबह ड्यूटी पर पहुंचते ही एमजीएम उपाधीक्षक डा. नकुल प्रसाद चौधरी ने इस मामले की जांच करने में जुट गए। उन्होंने मरीज का बीएचटी पेपर व सीसीटी कैमरे को देखा। इस दौरान पाया गया कि मरीज कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था। रविवार की सुबह उसे गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया था।
मानगो न्यू उलीडीह निवासी मदन सिंह (58) बीते दस साल से लीवर रोग से ग्रस्त है। इससे उनका लीवर काम करना बंद कर दिया था। इसके साथ ही उनके गोल्ड ब्लैडर में पथरी और किडनी भी खराब था। जिसकी दवा चल रही थी। अंतिम समय में उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद डाक्टर गए और देखा कि उनको आक्सीजन की जरूरत है। इसके बाद उनको आक्सीजन लगाया भी गया। इसके कुछ ही देर के बाद उनकी मौत हो गई।
इसके बाद मृतक के स्वजनों ने डाक्टर पर लापरवाही व सही देखरेख नहीं करने का आरोप लगाते हुए हगंमा करने लगे। बढ़ते हंगामा को देखते हुए इमरजेंसी विभाग में तैनात डाक्टर भागकर ओपीडी में छिप गए। मौके पर साकची पुलिस पहुंची, तब जाकर मामला शांत हुआ और सभी डाक्टर ड्यूटी पर लौटे। एमजीएम अस्पताल में डाक्टर व कर्मचारियों की भारी कमी होने की वजह से मरीजों को आय दिनों परेशानी का सामना करना पड़ता है।