Move to Jagran APP

प्रवासी मजदूरों के आर्थिक उपार्जन में सहयोगी बनेगा कृषि विभाग Jamshedpur News

प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। किसान मित्र भी गांव-गांव में वापस लौट रहे मजदूरों से मिलकर सर्वे का काम कर रहे हैं।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 10:02 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 08:54 AM (IST)
प्रवासी मजदूरों के आर्थिक उपार्जन में सहयोगी बनेगा कृषि विभाग Jamshedpur News
प्रवासी मजदूरों के आर्थिक उपार्जन में सहयोगी बनेगा कृषि विभाग Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न प्रदेशों से लौट रहे पूर्वी सिंहभूम जिले के प्रवासी मजदूरों को आर्थिक उपार्जन के लिए कृषि विभाग भी मदद करेगा। वापस लौटने वाले वैसे किसानों को कृषि विभाग निश्शुल्क बीज देगी जो खेती करने के इच्छुक हैं।

loksabha election banner

प्रवासी मजदूरों को उनके पसंद के अनुरूप खेत के रकवा के हिसाब से धान व सब्जी का बीज मुहैया कराए जाएंगे। इसके साथ ही कृषि विभाग प्रावधान के अनुसार कृषि उपकरण भी देने का काम करेेगी। इसके लिए गांव-गांव में किसान मित्र के माध्यम से सर्वे किया जा रहा है। किसान मित्र द्वारा किए जए रहे सर्वे में अबतक करीब दो हजार मजदूर चिन्हित किए जा चुके हैं, जिन्होंने अपने गांव में रह कर अपनी जमीन पर खती करने की इच्छा जताई है।

जिला कृषि विभाग खेती करने वाले मजदूरों की मांग के अनुसार विभाग से धान व सब्जी का बीज उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखेगा। प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। किसान मित्र भी गांव-गांव में वापस लौट रहे मजदूरों से मिलकर सर्वे का काम कर रहे हैं।

बढ़ेगा पैदावार तो बढ़ेगी आत्‍मनिर्भ्‍रता 

प्रवासी मजदूर अगर खेती करने लगे तो जिले में धान व सब्जी की उत्पादन बढ़ेगा। धान, दाल आदि कुछ फसलों का उत्पादन बढऩे के जिला आत्मनिर्भर होगा और किसानों को उसका फायदा भी मिलेगा, लेकिन सब्जी का उत्पादन बढऩा किसानों के लिए ही समस्‍या हो सकती है। साल में एक बार ऐसा समय आता है जब किसानों को फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिलता है और वे टमाटर, लौकी, खीरा आदि कई ऐसे फसल हैं, जिसे या तो सड़क किनारे फेंक देते हैं या खेतों में ही छोड़ देते हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के खेती करने से किसानों के समक्ष विकट स्थिति पैदा हो सकती है। जिला प्रशासन व कृषि विभाग को इसके लिए पहले से तैयारी करना होगा कि सब्जी का उत्पादन बढऩे के बाद उसका खपत कैसे होगा और किसानों को उसके लागत मूल्य के साथ मुनाफा कैसे मिलेगा।

लगानी होगी फूड प्रोसेसिंग यूनिट

जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों को खेती से जोडऩे के साथ ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगानी होगी। जिले में टमाटर का उत्पादन अधिक है, जिसके कारण टमाटर सॉस बनाने वाली कंपनी किसानों से औने-पौने दाम में टमाटर खरीदकर कोल्ड स्टोर में रख लेते हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में अमाटर सॉस, आलू चिप्स, दाल प्रोसेङ्क्षसग यूनिट, धान मील, आचार, समेत कई यूनिट लगाए जा सकते हैं। जिले में इसकी असीम संभावनाएं हैं। यहां दाल का उत्पादन खपत के अनुपात से अधिक होने की संभावनाएं है, लेकिन दाल प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है।

फायदे के लिए बनाना होगा एफपीओ

एफपीओ यानी किसानी उत्पादक संगठन किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य करने के साथ कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। जिले में भी किसानों का ऐसा एक समूह बनाकर कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवाना होगा। संगठन से जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि खाद, बीज, दवाइयों और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा। सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकडज़ाल से मुक्ति मिलेगी। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे।

पूर्वी सिंहभूम जिला में किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट के साथ कोल्ड स्टोर की आवश्यकता है। जिला कृषि विभाग की ओर से सरकार को सिंचाई सुविधा बेहतर बनाने के साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट और कोल्ड स्टोर के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ ही जिले के कृषि उत्पादन को दूसरे प्रदेशों में भेजने का मुक्कमल व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा। बोड़ाम प्रखंड में एक कोल्ड स्टोर का निर्माण हो रहा है।

भवन निर्माण विभाग से काम होने के कारण इसकी अधिक जानकारी नहीं है। किसानों ने बताया कि निर्माणाधीन कोल्ड स्टोर का ढांचा आलू के लिए उपयोगी है। टमाटर और अन्य सब्जी के लिए नहीं। इस क्षेत्र में आलू का पैदावार कम है। जिले में एफपीओ गठन का काम प्रगति पर है।

- मिथिलेश कुमार कालिंदी, जिला कृषि पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.