बढ़ता जा रहा डेंगू का जहर, 25 नए मरीज के साथ कुल संख्या 231 पहुंची Jamshedpur News
जिला मलेरिया व फाइलेरिया विभाग की टीम रोजाना विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जांच अभियान चलाकर एंटी लार्वा व फागिंग कर रही है। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
जमशेदपुर (जेएनएन)। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बुधवार को 25 नए संदिग्ध मरीज मिले। इनका इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। जिला सर्विलांस विभाग की टीम ने इन मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेज दिया है।
जांच रिपोर्ट गुरुवार को आने की उम्मीद है। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 231 तक पहुंच गई है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. एके लाल ने बताया कि डेंगू मरीजों को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है। जिला मलेरिया व फाइलेरिया विभाग की टीम रोजाना विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जांच अभियान चलाकर एंटी लार्वा व फागिंग कर रही है। साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। बुधवार को ओल्ड पुरुलिया रोड व परसुडीह स्थित मगदमपुर में अभियान चलाकर 500 से अधिक लार्वा नष्ट किया गया।
डेंगू के डंक को और जहरीला बना रहे टिस्को के खाली क्वार्टर
लौहनगरी के लगभग हर इलाके में टाटा स्टील के खाली क्वार्टर बहुत तेजी से पैर पसार रहे डेंगू के डंक को और जहरीला बना रहे हैं। इस समय राज्य सरकार का मलेरिया, फाइलेरिया विभाग और जुस्को डेंगू को नियंत्रित करने के लिए जूझ रहे हैं। अब जिले में 231 डेंगू के मरीज सामने आ चुके हैं। तमाम कोशिशों और कवायदों के बावजूद हर रोज नये मरीज सामने आ रहे हैं।
हैरतअंगेज ये है कि शहर में सबसे अधिक मरीज सोनारी, सर्किट हाउस एरिया से मिले हैं। इन इलाकों को सबसे साफ और पॉश माना जाता है। इसके बावजूद इन इलाकों में डेंगू का प्रकोप सबसे अधिक पाया जाना चिंताजनक है। दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को जब इन इलाकों में तेजी से फैल रहे डेंगू के कारणों की पड़ताल की तो सामने आया कि टाटा स्टील के खाली पड़े क्वार्टर किसी न किसी रूप में डेंगू के प्रकोप को फैलाने में सहायक हैं। क्योंकि, इन क्वार्टरों में जमे पानी, गंदगी आदि की ओर न तो टाटा स्टील और न ही सरकार के मलेरिया-फाइलेरिया विभाग की ही नजर जा रही है। नतीजा यह कि टाटा स्टील के ये खाली क्वार्टर डेंगू के मच्छरों की ऐशगाह बन गए हैं।
इन खाली क्वार्टरों के आस-पास रहने वाले लोग विवश हैैं। कंपनी के खिलाफ कुछ बोले तो नौकरी पर शामत। सफाई करने वाले ठेकेदार को अगर खाली क्वार्टर की झाडिय़ां साफ करने की मिन्नतें करते हैैं तो फिर जवाब मिलता है मुझे सड़क साफ करने के पैसे मिलते हैं, क्वार्टर साफ करने के नहीं। अब लाख टके का सवाल ये है कि जब हर साल डेंगू और विकराल होकर शहर के लोगों को अपने खूनी पंजे में जकड़ रहा है तो इन खाली क्वार्टरों में पनपने वाले लार्वा को समूल नष्ट करने के लिए क्यों नहीं कोई कारगर कदम उठाया जा रहा है। आखिर क्यों इस गंभीर समस्या की ओर से टाटा स्टील प्रबंधन और सरकार का मलेरिया-फाइलेरिया विभाग आंखें मूंदे हुए है?
क्षेत्रवार टिस्को के खाली क्वार्टरों की अनुमानित संख्या
कदमा : 200
धतकीडीह : 215
बिष्टुपुर : 110
साकची-बाराद्वारी : 112
भालूबासा : 250
एग्रिको : 150
सिदगोड़ा : 150
बारीडीह : 250
गोलमुरी : 210
बर्मामाइंस : 105
अब तक कंपनी इलाके में क्षेत्रवार मिले डेंगू के मरीज
क्षेत्र संख्या
सोनारी 21
कदमा 16
गोलमुरी 15
बर्मामाइंस 10
साकची 07
मनीफीट 06
धतकीडीह 04
सिदगोड़ा 04
बिष्टुपुर 04
सीएच एरिया 03
बेल्डीह 03
भालूबासा 02
सीतारामडेरा 02