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जुबिली पार्क से बंगाल क्लब तक ठेलों पर चला बुलडोजर

वर्षो से स्ट्रीट फुड की दुकान लगाने वाले दुकानदारों पर प्रशासन का डंडा शुक्रवार की रात को चला

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 10:41 AM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 10:41 AM (IST)
जुबिली पार्क से बंगाल क्लब तक ठेलों पर चला बुलडोजर
जुबिली पार्क से बंगाल क्लब तक ठेलों पर चला बुलडोजर

जासं, जमशेदपुर : जुबिली पार्क के साकची गेट से बंगाल क्लब तक सड़क के दोनों ओर वर्षो से चल रही दुकानें शुक्रवार की रात को जमींदोज हो गई। अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम माधवी मिश्रा के नेतृत्व में शाम करीब 4.30 बजे से चले अतिक्रमण हटाओ अभियान में सैकड़ों दुकानें पलक झपकते ध्वस्त कर दी गई। बुलडोजर देखते ही वहां अफरातफरी मच गई। दुकानदारों और ग्राहक इधर-उधर भागने लगे। अभियान के दौरान भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनात के कारण किसी ने विरोध नहीं किया। करीब आधे घंटे के भीतर करीब एक सौ ठेले-गुमटी सामान के साथ तहस-नहस कर दिए गए। अभियान के दौरान जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी संजय पांडेय के अलावा जुस्को के अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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काम नहीं आई सांसद की पहल

जुबिली पार्क गेट के पास ठेला लगाने वाले दुकानदारों ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे अक्षेस और जुस्को के कर्मचारी आए थे। उन्होंने चेतावनी दी थी कि जल्द से जल्द दुकानें हटा लें, वरना बुलडोजर से दुकानें तोड़ दी जाएंगी। इससे दुकानदार बेचैन हो गए। उन्होंने सांसद विद्युत वरण महतो को फोन कर इसकी सूचना दी, तो सांसद वहां पहुंचे। उन्होंने जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी और जुस्को के सीनियर जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा से बात की। दोनों अधिकारियों ने अभियान से अनभिज्ञता जाहिर की। इस पर सांसद ने दुकानदारों को आश्वासन दिया कि आपलोग निश्चिंत रहें, किसी की दुकान नहीं टूटेगी। लेकिन शाम को ही दुकानदारों की रोजी-रोटी छिन गई।

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अफसरों की सूचना पर

भ्रमित हो गया : सांसद

साकची में वर्षो से चल रहे ठेला दुकानों के तोड़े जाने पर सांसद विद्युत वरण महतो ने अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि सुबह में दुकानदारों ने जब उन्हें इस तरह की बात बताई तो वे वहां गए। दुकानदारों ने जो बताया उसके मुताबिक उन्होंने जुस्को के सीनियर जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा और जेएनएसी के स्पेशल आफिसर संजय कुमार से बात की। दोनों अधिकारियों ने जब कहा कि वे ऐसा कोई अभियान नहीं चलाने वाले हैं, तो वे भी निश्चिंत हो गए। शाम को पता चला कि एसडीओ के नेतृत्व में दुकानों को हटाया और तोड़ा गया है, तो उन्हें भी अफसोस हुआ। यदि सुबह में यह बात पता चल जाती तो वे एसडीओ से भी बात कर लेते।

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दुकानदारों को दी गई

थी सूचना : एसडीओ

अनुमंडल पदाधिकारी माधवी मिश्रा ने कहा कि इन दुकानों के मालिकों को पहले ही यहां से दुकानें हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन किसी ने भी दुकान नहीं हटाई। इसके बाद प्रशासन से बलपूर्वक दुकानों को हटाया। इसमें कई दुकानों को तोड़ दिया गया। वहां के दुकानदार इस बात पर अड़े थे कि पहले एक दुकान विशेष को हटाया जाए, फिर हमलोग भी अपनी दुकानें हटा लेंगे। इसके बाद उस दुकान को भी हटाते हुए अन्य दुकानें हटा दी गई।

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ये उठ रहे सवाल

1. स्ट्रीट फूड के शौकीनों की यहां सुबह से शाम तक भीड़ रहती थी। अब ग्राहक कहां जाएंगे?

2. वर्षो से दुकान लगा रहे दुकानदारों की रोजी-रोटी चौपट हो गई। वे आर्थिक संकट का सामना कैसे करेंगे?

3. दुकानों में करीब 300 कारीगर-मजदूर काम करते थे। उनके सामने रोजगार का संकट हो गया। अब वे क्या करेंगे?

4. दुकानों के उजड़ने से हजारों ग्राहक चिंतित हैं जो यहां सुबह-शाम आते थे। अब ये कहां जाएंगे?

5. क्या जिला प्रशासन, अक्षेस या जुस्को इन दुकानदारों को वैकल्पिक स्थान मुहैया कराएगा?


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