क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट सख्ती से लागू करने की मांग, जेएचआरसी ने कहा- इलाज में आएगी पारदर्शिता Jamshedpur News
Clinical Establishment Act. एक तरफ चिकित्सकों का संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन की मांग कर रहा है तो वही दूसरी तरफ झारखंड ह्यूमन राईट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) ने इसे सख्ती से लागू करने की मांग तेज कर दी है।
जमशेदपुर, जासं। एक तरफ चिकित्सकों का संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन की मांग कर रहा है तो वही दूसरी तरफ झारखंड ह्यूमन राईट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) ने इसे सख्ती से लागू करने की मांग तेज कर दी है।
सोमवार को जेएचआरसी के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि झारखंड राज्य में 30 मई 2013 क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू है लेकिन इसका पालन कहीं नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सहित जिले के उपायुक्त सूरज कुमार व सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा से मिलकर इसे सख्ती से लागू करने की मांग करेंगे। इस एक्ट के तहत सभी सरकारी, गैर सरकारी अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर को निबंधित होना जरूरी है। नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रावधान है। साथ ही इलाज में पारदर्शिता आएगी। कोई भी चिकित्सक या अस्पताल मरीज से मनमाने पैसे नहीं ले सकता। कोई भी नर्सिंग होम या अस्पताल मनमानी नहीं कर सकेगा।
नियंत्रण में रहेगी व्यवस्था
एक्ट लागू होने के बाद सभी इकाईयां सरकार के नियंत्रण में रहेंगी और नियमों की अनदेखी करने वालों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना का भी प्रावधान है। इतना ही नहीं सभी नर्सिंग होम व अस्पतालों को अपने संस्थान के बाहर शुल्क तालिका भी लगानी होंगी, जिससे मरीजों का दोहन ना हो सकेगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में मनोज मिश्रा, रेणु सिंह, जगन्नाथ मोहंती, श्याम लाल, डॉ. गुरमुख सिंह, किशोर वर्मा, ओम प्रकाश, डी एन शर्मा, हरिश्चंद्र सबलोक, अभिजीत चंदा, आर के दास, अनिमा दास, मानव रॉय चौधरी, देवाशीष दास सहित अन्य लोग उपस्थित थे।