चलती ट्रेन में प्रसव पीडा से कराहने लगी महिला के लिए फरिश्ता बनकर खडे हुए चक्रधरपुर के दंपती, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ
चक्रधरपुर के इस दंपती की ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने तो सराहना की ही खासकर उस महिला ने शुक्रिया अदा किया जो चलती ट्रेन में प्रसव पीडा से कराहने लगी। इस दंपती के कारण चलती ट्रेन में सुरक्षित सामान्य प्रसव संभव हो पाया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ ह
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर के इस दंपती की ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों ने तो सराहना की ही, खासकर उस महिला ने शुक्रिया अदा किया जो चलती ट्रेन में प्रसव पीडा से कराहने लगी। इस दंपती के कारण चलती ट्रेन में सुरक्षित सामान्य प्रसव संभव हो पाया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। दरअसल, दंपती स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र से जुडी हैं। उनका अनुभव ही आपात स्थिति में काम आया।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के चक्रधरपुर प्रभारी परमेन्द्र चौहान ने इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि विगत दिनों अर्नाकुलम स्पेशल ट्रेन के कोच नंबर B/1 में सफर के दौरान अचानक रात में दो बजे एक महिला की जोर-जोर से चीखने की आवाज आने लगी। उस कोच के सभी यात्री आवाज सुनकर जग गए। तहकीकात की तो पता चला कि उस बोगी में एक गर्भवती महिला सफर कर रही है। गर्भवती महिला सिमडेगा निवासी रानी कुमारी झारखंड पुलिस में कार्यरत सूरज कुमार की पत्नी हैं। सफर के दौरान प्रसव पीड़ा से गर्भवती महिला काफी परेशान थी। उसी कोच में चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत सीनियर लैब टेक्नीशियन श्यामल साव एवं उनकी धर्मपत्नी विजया साव सफर कर रही थी। जैसे ही उन्हें पता चला कि प्रसव पीड़ा की वजह से वह महिला दर्द से कराह रही है तो रात के दो बजे दोनों ने उस महिला का सकुशल प्रसव चलती ट्रेन में करवाया। बिना किसी व्यवस्था के प्रसव होने के बाद अगले स्टेशन मास्टर से संपर्क कर ट्रेन को रुकवा कर जच्चा - बच्चा सहित उनके परिवार को रेलवे की सहायता से हॉस्पिटल भेजा गया। बाद में पता करने पर ज्ञात हुआ कि मां और बच्चे दोनों सकुशल एवं सुरक्षित हैंं। बच्चे के पिता सूरज कुमार ने सीनियर लैब टेक्नीशियन श्यामल साव एवं उनकी धर्मपत्नी विजया साव का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दंपती के कारण वे बडे संकट से उबर पाए।