Covid 19 : तीन दिन में कोरोना को दी मात, इस डॉक्टर की कहानी आपको कर देगी हैरान
Covid 19. डॉ. असद के हाव-भाव व चेहरे की मुस्कान देखकर कोई नहीं कह पा रहा था कि वह कोरोना को मात देकर वापस लौटे हैं। बिल्कुल फिट। एक स्वस्थ व्यक्ति की तरह।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। जिला सर्विलांस विभाग के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. असद सोमवार को जब कार्यालय पहुंचे तो दूसरे कर्मचारी चौंक गए। इतनी जल्दी कैसे आ गए। सवाल लाजिमी था, लेकिन उनकी पॉजिटिव सोच और काम करने के जज्बे ने कोरोना को ज्यादा दिनों तक टिकने नहीं दिया।
डॉ. असद के हाव-भाव व चेहरे की मुस्कान देखकर कोई नहीं कह पा रहा था कि वह कोरोना को मात देकर वापस लौटे हैं। बिल्कुल फिट। एक स्वस्थ व्यक्ति की तरह। क्वारंटाइन का समय गुजार वापस लौटे तो उस बीते हुए पल के बारे में जानने की जिज्ञासा सभी को थी। इस दौरान डॉ. असद ने अपनी बातों से सबको चौंका दिया। कहा, कोरोना कुछ नहीं है, बस लोगों के मन में भ्रम ज्यादा है। मुझे भी कोरोना हुआ था। तीन दिन तक बुखार, कफ व बदन दर्द जरूर था। मैंने पैरासिटामोल व एजिथ्रोमाइसिन दवा खाई। तीसरे दिन बिल्कुल स्वस्थ हो गया। चौथे दिन से फोन व लैपटॉप के माध्यम से ऑफिसियल कार्य में भी जुट गया। उसके बाद न तो मुझे बुखार आया और न ही खांसी व बदन दर्द हुआ। चूंकि नियमत: अगले सात दिन तक मुझे क्वारंटाइन का समय पूरा करना था, इसलिए मजबूरी में मैं बाहर नहीं निकल सका और 10वें दिन कार्यालय आया हूं। डॉ. असद जिला में इकलौते महामारी रोग विशेषज्ञ हैं।
एक अगस्त को डॉ. असद हुए थे कोरोना पॉजिटिव
डॉ. असद ने बताया कि एक अगस्त को मैं कोरोना पॉजिटिव हुआ। उस दौरान हल्का बुखार, गले में खराश व बदन दर्द था। मैंने नियम के तहत खुद को अपने घर के एक में क्वारंटाइन हो गया। साथ में तीन दिन तक पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन, विटामीन-सी दवा का कोर्स पूरा किया। इसके अलावे पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर भी पास में रखा था। ऑक्सीमीटर से खून में ऑक्सीजन का प्रवाह कैसा है, इसका पता चल जाता है। स्क्रीन पर 95 से 100 के आसपास डिजिट दिखे तो ये सामान्य है। ऑक्सीजन रीडिंग 92 या उससे कम दिखाएं तो खतरा है। वहीं, थर्मामीटर में बुखार का तापमान 99 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए।
फ्लू की तरह हैं कोरोना, घबराने की जरूरत नहीं
डॉ. असद कहते हैं कि कोरोना फ्लू की तरह हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। अभी शहर में जो मौतें हुई हैं उनके 90 फीसद लोग किडनी, हार्ट, पैरालाइसिस, कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनका इलाज पूर्व से चल रहा था। सिर्फ दो से तीन ही मृतक इसमें ऐसे है जो कोरोना से ग्रस्त थे और वह गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे। अगर सही समय पर वह अस्पताल पहुंच जाते तो शायद उनकी जान भी बचाई जा सकती थी।
मैंने कभी सोचा ही नहीं कि मुझे कोरोना हुआ है
डॉ. असद ने बताया कि मैंने कभी सोचा ही नहीं कि मुझे कोरोना हुआ है। इस बीमारी से निपटने में पॉजिटिव सोच और शरीर का इम्यून सिस्टम अहम है। ये दो चीज से अगर आप मजबूत हैं तो बीमारी आपके पास भी नहीं फटकेगी। इसके अलावे आंवला, संतरा व मौसमी जरुर खाएं। इसमें विटामीन सी प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।
कोरोना के मरीज अपने पास रखें ये पांच चीज
- पैरासिटामोल, एजिथ्रोमाइसिन, विटामीन-सी, डी व ई की दवा।
- प्लस ऑक्सीमीटर।
- थर्मामीटर।
- सुबह में चाय की जगह पर काढ़ा पीए।
- रात में गर्म दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीए।