एमजीएम अस्पताल में टेंपो में तड़प कर मरीज की मौत, कोई डॉक्टर नहीं आया देखने Jamshedpur News
कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में टेंपो में तड़पकर मरीज की मौत हो गई। आरोप है कि कोई डाक्टर देखने नहीं आया। मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ।
जमशेदपुर, जासं। Death of patient in MGM hospital Jamshedpur Doctor accused of negligence कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार की दोपहर एक मरीज की टेंपो में तड़पकर मौत हो गई। मृतक लक्ष्मण प्रसाद भुइयांडीह के बाबूडीह के रहनेवाले थे।
बताया गया है कि मरीज को लाने वाले अधिवक्ता अनिल कुमार वर्मा, उनके बेटे सौरभ कुमार और जेल चौक निवासी रविंद्र कुमार ने इमरजेंसी में जाकर डॉक्टरों से मरीज को देखने के लिए कहा तो मरीज को देखने के बजाय डाक्टर उनसे ही उलझ पड़े। होमगार्ड बुलाकर तीनों को चेंबर से बाहर कर दिया। बाद में होमगार्ड भी उन्हें बाहर करने के बाद उनसे आइंदा इमरजेंसी में शोरगुल न करने की चेतावनी देते रहे। तकरीबन एक घंटे तक चले इस विवाद में इलाज ना हो पाने की वजह से मरीज ने टेंपो में ही तड़प कर दम तोड़ दिया।
परिजनों ने किया हंगामा
अस्पताल परिसर में सुरक्षाकर्मी से उलझते परिजन।
तकरीबन एक घंटे बाद सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजन खुद स्ट्रेचर लाकर मरीज को अंदर ले गए तो डॉक्टरों ने उनका चेकअप करना शुरू किया और मृत घोषित कर दिया। लोगों का कहना रहा कि एमजीएम अस्पताल में तैनात डॉक्टरों की संवेदना मर चुकी है। इधर,अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि वह मामले की जांच कराने के बाद दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। डॉक्टर फौरन देख लेते तो बच जाती जान: धर्मराज
मृतक लक्ष्मण प्रसाद के बेटे धर्मराज गुप्ता ने बताया कि लक्ष्मण प्रसाद की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की बाबूडीह में दुकान है। वह एमजीएम अस्पताल में ही रूटीन चेकअप कराने के लिए घर से निकले थे। बागबेड़ा के अधिवक्ता अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि लक्ष्मण प्रसाद जेल चौक के पास पैदल जा रहे थे कि अचानक गिर गए। वह लोग टेंपो में लेकर उन्हें एमजीएम अस्पताल लाए। अधिवक्ता का कहना है कि अगर डॉक्टर उन्हें फौरन देख लेते तो उनकी जान बच जाती। तकरीबन आधे घंटे तक उनकी सांस चल रही थी। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें देखना गवारा नहीं समझा।