जलेस के मदन अंजान का निधन
वे इसी वर्ष टाटा स्टील से सेवा निवृत्त हुये थे।
जासं, जमशेदपुर : जनवादी लेखक संघ (जलेस) सिंहभूम के कार्यकारिणी सदस्य एवं कवि मदन अंजान नहीं रहे। कुछ दिन पूर्व ही वे टीएमएच से इलाज उपरांत परसुडीह निवास लौटे थे। वे इसी वर्ष टाटा स्टील से सेवा निवृत्त हुये थे। छोटी-छोटी कविताओं में बड़ी बात कहने का हुनर मदन अंजान के पास था। प्रो. राधव आलोक से इनकी काफी निकटता थी। एक जमाना था जब परसुडीह साहित्यिक बैठकों अड्डेबाजियों के लिए मशहूर था। शंकर ,जयनंदन,अमृतांशु, निर्मल मिलिद बरनवाल,मदन बलियाटिक, बद्रे आलम खलिश,अरूणेंदु, लखन विक्रांत, उदय हयात अक्सर राघव के घर पर या होटल में बैठते थे। उस समय में लखन के कंधे तक लंबे बाल रहते थे। अंजान अपनी छोटी कविता के टुकडी कहते थे। जलेस के साथी तापस चटर्जी, अजय कुमार, अजय महताब, राजदेव सिंहा, श्यामल सुमन, लता मानकर, अशोक शुभदर्शी, सुजय , बरूण प्रभात ,आनंद बालाजी,
डा. उदय हयात एवं अन्य ने मदन अंजान को याद किया एवं शब्दांजलि दी।