ईस्टर संडे पर कब्रगाह में मसीहियों ने किया पूर्वजों को याद
जागरण संवाददाता जमशेदपुर प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने पर ईसाई समाज ने ईस्टर संडे मनाया। इ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने पर ईसाई समाज ने ईस्टर संडे मनाया। इस अवसर पर शहर के चर्चो में विशेष प्रार्थना की गई। प्रभु यीशु की गुणगान करते हुए लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया। वहीं ईस्टर डे की पूर्व संध्या पर शनिवार को गिरजाघरों और चर्चो में विशेष प्रार्थना सभाएं की गई। मसीही विश्वासियों ने प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने की याद में पूजा-अर्चना की। चर्च में फादर ने प्रवचन के माध्यम से प्रभु यीशु के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। प्रार्थना सभाओं में सभी के कल्याण की कामना की गई और दूसरों के सुख के लिए कष्ट सहने का संकल्प लिया गया। रात के 12 बजते ही ईस्टर डे की बधाइया देने का सिलसिला शुरू हो गया। प्रभु के पुनर्जीवित होने की खुशिया मनाई गई। रविवार की अहले सुबह लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्र पर फूल चढ़ाया एवं कैंडल जलाकर अपने उन्हें याद किया। अहले सुबह की अंधेरे में कब्रगाह कैंडलों की रोशनी से जगमगा उठा। वहीं पूर्वजों के लिए प्रार्थना भी की गई। इसके बाद मसीही समाज के लोग चर्च में आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लिए।
लेंट का दुख भोग काल समाप्त
ईस्टर के साथ ही 40 दिनों से चला आ हार लेंट काल समाप्त हो गया। इसके साथ ही चर्च में प्रभु की महिमा गान, हालेलुइया गाने और खुशियां मनाने का दौर शुरू हुआ। शनिवार की रात गोलमुरी स्थित सेंट जोसफ चर्च में हुई प्रार्थना सभा में पल्ली पुरोहित फादर डेविड विंसेंट ने ज्योति के रूप में प्रभु के आने का समाचर दिया। नई ज्योति का आशीष दिया गया। उन्होंने बताया कि नई ज्योति हमें संदेश देता है कि अंधकार थोड़ी देर के लिए आता है। उपस्थित लोगों ने ज्योति के रूप में प्रभु के वापस आने पर धन्यवाद दिया।