हाथियों को भगाने के लिए फोड़ डाले 25 लाख के पटाखे
हाथियों के लिए संरक्षित व पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के अंतर्गत 85 गांव आते हैं। इन गांवों में अधिकांश लोग गरीब तबके के हैं जो खेती-बाड़ी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हाथियों के लिए संरक्षित व पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के अंतर्गत 85 गांव आते हैं। इन गांवों में अधिकांश लोग गरीब तबके के हैं जो खेती-बाड़ी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इन 85 गांवों में से 30 गांव ऐसे हैं जहां फसल के दिनों में हाथियों के झुंड पहुंच जाते हैं और फसल के साथ-साथ ग्रामीणों की जान के भी दुश्मन बनते हैं। हाथियों से रक्षा के लिए वन विभाग प्रत्येक वर्ष 25 लाख रुपये के पटाखे निश्शुल्क ग्रामीणों के बीच बांट देता है ताकि ग्रामीण गांव आए गजराजों को खदेड़ सकें। हालांकि इस दौरान किसी जिद्दी हाथी से ग्रामीणों का आमना-सामना हो जाने पर उन्हें जान से हाथ धोना पड़ता है।
सत्रह साल में मारे गए 34 ग्रामीण:
संयुक्त बिहार से 2002 में अलग राज्य झारखंड बनने के बाद से अब तक हाथियों के हमले में 34 लोगों को जान गंवानी पड़ी। भले ही सरकार मुआवजा के तौर पर 56 लाख रुपये बांट चुकी है। लेकिन हाथियों के उपद्रव का सिलसिला थामने की कोशिश पूरी तरह सफल नहीं हो पायी है। हाथी के हमले में जान गंवाने वाले लोगों में दुखनी महताईन, मोचीराम सिंह, शिबू टुडू, दुबराज सिंह, बादल सिंह, धन सिंह, जानकारी चौधरी, मंशा पहाड़िया, खेतू सिंह, पानो मझियाइन, महेश्वर सिंह, गुरुचरण मुर्मू, सीताराम हांसदा, भगत सबर, गुरुपदो कुंभकार, नवीन सिंह, सेमी सिंह, मृत्युंजय महतो, दुखू पहाड़िया, बलराम बेसरा, मंगल सबर, बहादुर सिंह, बादल सिंह, जोसेफ लकड़ा, धीरू सबर, अजीत सबर, घासीराम मुर्मू, निमाई सोरेन, अभी पहाड़िया, सुखदेव भुइयां, गोपाल सिंह, बलबीर सिंह, बुद्धेश्वर सिंह तथा चयन सिंह शामिल हैं।
हाथियों से प्रभावित हैं 30 गांव : दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में भले ही 85 गांव हैं लेकिन 30 गांवों पर हाथियों की नजर रहती है, जहां खेती होती है। इन गांवों में रापाचा, जारका, मिर्जाडीह, बांधडीह, जामबनी, आसनबनी, कांदरबेड़ा, गेरुआ, पगदा, गोबरघुसी, झिमरी, ओपो, घोड़ाबांधा, कोयरा, बारूडीह, बांधडीह, कुदलुंग, बेताकोचा, घोड़ाबांधा पटमदा, डांगरडीह, चेलियामा, पातीपानी, चिमटी, फदलोगोड़ा, तुलीन, बांधडीह, काठजोर, कोयरा, रपाचा, मिल्लतनगर, घोटार, हरियाकोचा शामिल है।