दलमा में 75 फारेस्ट गार्डों को जंगल व जानवरों के व्यवहार के बारे में दिया गया प्रशिक्षण
Dalma Sanctuary दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में जानवरों के व्यवहार के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार व प्रसिद्ध् पर्यावरण व जीव जंतु विशेषज्ञ प्रो. केके शर्मा उपस्थित थे।
जमशेदपुर : दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में जानवरों के व्यवहार के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार व प्रसिद्ध् पर्यावरण व जीव जंतु विशेषज्ञ प्रो. केके शर्मा उपस्थित थे। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने उपस्थित फारेस्ट गार्डों को बताया कि जंगल व जंगली जानवरों की रक्षा करना फारेस्ट गार्ड का मुख्य कर्तव्य है। इसलिए जंगली जानवरों के व्यवहार को आपसभी को समझना होगा। यह तभी होगा जब फारेस्ट गार्ड जंगल के अंदर फिल्ड में काम करेंगे। इस अवसर पर डीएफओ डा. अभिषेक कुमार ने कहा कि ड्यूटी के दौरान अक्सर वनकर्मियों को जंगली जानवरों से सामना हो जाता है। कभी शाकाहारी तो कभी मांसाहारी जानवरों से सामना होता है। यही कारण है कि उन्हें जानवरों के व्यवहार के बारे में जानकारी होना चाहिए। इसलिए प्रशिक्षण शिविर में शामिल 75 गार्डोंं को जानवरों के व्यवहार, रेस्क्यू करने की जानकारी दी गई। इसके अलावा दलमा में पाए जाने वाले जंगली हाथी, भालू्र बंदर्, मोर, लाल गिलहरी आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर सेंदरा पर्व के दौरान जंगल में शिकार यानि जानवरों को पकड़ने के लिए किस तरह जाली लगाकर शिकारी छीप जाते हैं और जैसे ही जाली में जानवर फंस जाते हैं, शिकारी जानवर को पकड़ लेते हैं। इस अवसर पर विशेषज्ञ केके शर्मा ने कहा कि जंगलों के खत्म होने और जानवरों के रहने की जगह कम होना ही उनकी विलुप्ति का मुख्य कारण है। जंगलों में रहने वाले लोग कई बार जंगली जानवरों का दुश्मन बन जाते है। इस अवसर पर डीएफओ डा. अभिषेक कुमार, प्रो. केके शर्मा, रेंजर दिनेश चंद्रा, फारेस्टर राजा घोष, बीरेंद्र कुमार, राकेश रोशन, अविनाश कुमार, रविशंकर महाली, सुनील एक्का, घनश्याम महतो आदि उपस्थित थे।