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स्वदेश दर्शन योजना में दलमा और चांडिल शामिल, खर्च होंगे 15 करोड़

Swadesh Darshan Yojana. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वदेश दर्शन योजना में दलमा को भी शामिल किया गया है। इसके तहत दलमा को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। विकास के लिए दलमा को पहली किस्त की राशि के तौर पर दो करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 09:00 AM (IST)
स्वदेश दर्शन योजना में दलमा और चांडिल शामिल, खर्च होंगे 15 करोड़
दलमा को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा।

जमशेदपुर, मनोज सिंह। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्वदेश दर्शन योजना में दलमा को भी शामिल किया गया है। इसके तहत दलमा को इको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। विकास के लिए दलमा को पहली किस्त की राशि के तौर पर दो करोड़ रुपये मिल भी चुके हैं।

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सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन (सीसीएफ) रांची ने दलमा के जिला वन पदाधिकारी (डीएफओ) डा. अभिषेक कुमार से रिपोर्ट मांगी है। सीसीएफ ने डीएफओ से कहा है कि चूंकि दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी हाथियों के लिए संरक्षित है, साथ ही इको सेंसेटिव जोन में है लिहाजा इस तरह की रिपोर्ट दें जिसका स्वरूप दलमा में उतारा जा सके। स्वदेश दर्शन योजना पर कुल 57 करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।इसमें से दलमा-चांडिल में 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

झारखंड में दो सर्किट को केंद्र ने दी है मंजूरी 

पहला इको सर्किट - भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत झारखंड में दो सर्किट की मंजूरी दी है। इसमें दलमा, चांडिल, गेतलसूद-बेतला-मिरचइया-नेतरहाट का चयन किया है। इसके तहत पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इस सर्किट को इको सर्किट के रूप में विकसित किया जाना है। इको सर्किट जोन में प्राकृतिक जलाशय विकसित किया जाएगा, जहां पर्यटक बोटिंग का मजा ले सकेंगे। इसके अलावा पर्यटकों के लिए गेस्ट हाउस निर्माण, सुंदर नजारे के लिए व्यू प्लेटफार्म, सौंदर्यीकरण, सड़क, इंफार्मेशन सेंटर, म्यूजियम, सनसेट प्वाइंट, व्यू प्वाइंट, एडवेंचर स्पोर्ट्स के अलावा कार या वाहनों के लिए एक निर्धारित स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। गौरतलब है कि दलमा हाथियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, वहीं चांडिल डैम बोटिंग के लिए प्रसिद्ध है। गेतलसूद डैम की भी अपनी विशेषता है तो बेतला राष्ट्रीय उद्यान है। मिरचइया लातेहार जिला में स्थित है और अपने झरने के लिए विख्यात है। पलामू टाइगर रिजर्व के लिए जाना जाता है। नेतरहाट की प्राकृतिक सुंदरता विश्वविख्यात है। यहां का सनराइज प्वाइंट, सनसेट प्वाइंट के अलावा दर्जनों स्थल बरबस अपनी ओर पर्यटकों को आकर्षित करती है। 

इको सर्किट व वहां खर्च होने वाली राशि 

  • चांडिल - 9 करोड़ 13 लाख 4 हजार 274 रुपये
  • दलमा - 5 करोड़ 61 लाख 76 हजार 636 रुपये
  • नेतरहाट - 18 करोड़ 2 लाख 45 हजार 323 रुपये
  • मिरचइया - एक करोड़ 2 लाख 51 हजार 950 रुपये
  • बेतला - 3 करोड़ 58 लाख 29 हजार 980 रुपये
  • गेतलसूद - 5 करोड़ 7 लाख 69 हजार 460 रुपये

एडवेंचर स्पोट्स पर खर्च - 3 करोड़ 44 लाख 96 हजार 439 रुपये

दूसरा टूरिज्म सर्किट - भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत झारखंड में दूसरा सर्किट के रूप में कौलेश्वरी-ईटखोरी-रजरप्पा, पारसनाथ को रिलीजियस टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इस योजना पर लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित सभी स्थानों पर गेस्ट हाउस का निर्माण किया जाएगा। कौलेश्वरी एवं भद्रकाली मंदिर सनातन, जैन एवं बौद्ध धर्म का संगम है। दोनों स्थानों से तीनों धर्मों की आस्था जुड़ी हुई है। रजरप्पा प्रसिद्ध झरना व मां छिन्न स्तिका मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। पारसनाथ गिरिडीह जिला में एक पर्वत शिखर है, जहां जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यहां पूरे विश्व से जैन धर्मावलंबियों का जुटान होता है।

स्वदेश दर्शन योजना से लाभ 

स्वदेश दर्शन योजना के धरातल पर उतरने के बाद स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही स्थानीय कला, संस्कृति, हस्तशिल्प, व्यंजन को भी अलग पहचान मिलेगी। रोजगार सृजन, आर्थिक विकास में सीधा प्रभाव, देश भर में संरचनात्मक विकास के लिए यह योजना बेहतर तरीके से देश के हेरिटेज सिटी को विकसित करने और ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने 15 सर्किट को दी मंजूरी खर्च होंगे 1854.67 करोड़ रुपये 

हिमालयी सर्किट,  पूर्वोत्तर सर्किट, कृणा सर्किट, तटीय सर्किट, मरुस्थल सर्किट, जनजातीय सर्किट, इको सर्किट, वन्यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, अध्यात्मिक सर्किट, रामायण सर्किट , विरासत सर्किट , तीर्थकर सर्किट, सूफी सर्किट, बौद्ध सर्किट 

ये कहते अधिकारी

स्वदेश दर्शन योजना के तहत दलमा का भी इको टूरिज्म सर्किट में शामिल किया गया है। हाल ही में दलमा के डीएफओ डा. अभिषेक कुमार के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया है। निरीक्षण करने के बाद दलमा के डीएफओ से रिपोर्ट मांगा है। इको सर्किट पर 57 करोड़ 91 लाख 82 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। रिपोर्ट आ जाने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 - विश्वनाथ साह, सीसीएफ, वाइल्ड लाइफ, रांची।


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