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Advice for Farmers: किसानों एवं पशुपालकों के लिए अलर्ट जारी, ठंड में कृषि वैज्ञानिकों की इस सलाह का रखें ध्यान

Crops Protection Tips ठंड का सिर्फ इंसान ही नहीं पशु एवं फसलों पर भी प्रभाव पडता है। इसे देखते हुए किसानों एवं पशुपालकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। कृषि वैज्ञानिकों ने पशु एवं फसलों की सुरक्षा के लिए लिए खास सलाह जारी की है। जानिए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 12:29 PM (IST)
शीतलहरी में आम और आलू के पौधों को पाला से बचाने की जरूरत है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कनकनी वाली ठंड जारी रहने के पूर्वानुमान को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों व पशुपालकों के लिए अलर्ट जारी किया है। किसानों से कहा गया है कि इस कनकनी वाली ठंड में गाय-भैंस एवं बकरी के बच्चे का विशेष ध्यान रखेंं, ताकि कोई नुकसान न उठाना पड़े।

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बढ़ती ठंड को देखते हुए बाछा-बाछी, बकरी, मेमना के अलावा अन्य पशुओं को बोरा से ढक दें। पशुओं के रहने स्थान के आसपास धुआं करें। इससे पशुओं का ठंड से बचाव हो सकेगा।  किसानों को सलाह दी गई है कि जिस दिशा से ठंडी हवा बह रही है उस दिशा में जला हुआ मोबिल जलाएं। इससे हवा की नमी को कम किया जा सकता है। इससे पांच डिग्री तक तापमान बढ़ जाता है।  क्षेत्रीय कृषि विज्ञान केंद्र दारीसाई की कृषि वैज्ञानिक आरती वीणा एक्का कहती हैं कि वर्तमान समय में शीतलहर चल रही है। ऐसे मौसम में बैंगन, फूलगोभी, बंधा गोभी, टमाटर आदि के बीचड़ों में कीटों का प्रकोप होने पर जैविक कीटनाशी बायोलेप या डायपेल एक ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

टमाटर की फसल के बचाव के तरीके

टमाटर की फसल में मोजैक रोग की रोकथाम के लिए पौध रोपाई के समय जड़ को इमीडाक्लोरपीड 0.25 प्रतिशत का घोल 2.5 लीटर दवा को प्रति लीटर पानी में डुबाकर रोपाई करें। टमाटर और बैगन में मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण कुछ बीमारी के बढ़ने की आशंका अधिक है। मुर्झा बीमारी की रोकथाम के लिए 100 मिलीग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन एवं 1.5 ग्राम कापर आक्सीक्लोराइड प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

आम, कटहल व लीची को ऐसे बचाएं

ठंड के इस मौसम में आम, कटहल व लीची मंजर लगने या फूल आने से पहले ही कीटों के प्रभाव को कम करने के लिए मेटासिस्टाक्स 25 ईसी तरल दवा का एक मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। डा. आरती वीणा एक्का कहती हैं कि आम पौधों को दीमक कीट से बचाव के लिए मुख्य तना में जमीन से 1-2 मीटर की उंचाई तक चूूना से रंगाई करें तथा कीटनासी मोनोक्रोटोफास तथा इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें। इस मौसम में मिली बग के बच्चे जमीन से निकलकर तनों पर चढ़ने से रोकने के लिए जमीन से 1-2 मीटर उंचाई पर तने के चारों ओर 30 सेमी चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटें और आसपास की मिट्टी की खुदाई करें जिससे अंडे नष्ट हो जाएंगे। कटहल फूलावस्था में एंथ्रेक्सनोज से बचाने के लिए ब्लाइटोक्स 50 या ब्लू कपर 2.5 ग्राम के दर से उपयोग करें।

आम व आलू के पौधे को पाला से बचाएं

शीतलहरी में आम और आलू के पौधों को पाला से बचाने की जरूरत है। आलू के खेत में धुंआ करें। इसके अलावा आम के पौधों को तीन तरफ से लकड़ी के माध्यम से पुआल से ढंक दें। एक ओर दायां साइड खुला छोड़ दें। इससे ठंड से पौधे को नुकसान नहीं पहुंचेगा।


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