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भानु मांझी के निशाने पर थे कदमा के शंकर राव, धरन सिंह और कुणाल गोराई Jamshedpur News

Jamshedpur Crime. अपने तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कदमा उलियान गुरुद्वारा लाइन निवासी भानु मांझी ने जेल भेजे जाने के पहले कदमा थाना पुलिस को अपने और गिरोह की योजना के संबंध में कई जानकारियां उपलब्ध कराई हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:36 AM (IST)
भानु मांझी के निशाने पर थे कदमा के शंकर राव, धरन सिंह और कुणाल गोराई Jamshedpur News
गिरफ्तार अपराधी भानु मांझी ने पुलिस के समक्ष कई राज उगले हैं।

जमशेदपुर, जासं।  अपने तीन साथियों के साथ गिरफ्तार कदमा उलियान गुरुद्वारा लाइन निवासी भानु मांझी ने जेल भेजे जाने के पहले कदमा थाना पुलिस को अपने और गिरोह की योजना के संबंध में कई जानकारियां उपलब्ध कराई हैं। बताया कि कदमा के शंकर राव, धरन सिंह और कृणाल गोराई को तीनों उसके निशाने पर थे। हत्या के लिए रेकी भी की जा रही थी। 

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कदमा बाजार में मॉर्निंग वाक करने के दौरान शंकर राव को मारने के लिए भानु मांझी ने अपने मित्र अविनाश उपाध्याय के साथ मिलकर योजना बनाई थी। अविनाश को इसके लिए हथियार भी देने वाला था। धरन सिंह के घर में अपने मित्र गुरप्रीत और छोटे भाई छोटू मांझी और अपने पिता शंकर मांझी को रेकी के लिए लगाया था। इस बीच रोबिन गोराई का भाई कृणाल गोराई जिसकी गवाही के कारण उसे (भानु मांझी) को सजा हुई थी। इस कारण कृणाल को भी मारने की योजना 14 सितंबर को बनाई। साथियों के साथ बीयर और शराब सेवन किया।

रोबिन की हत्‍या भानु ने ही की थी

गौरतलब है रोबिन की हत्या भानु मांझी ने ही जुलाई 2017 में की थी। अपील बेल पर रिहा होने के बाद उसने गैंग लैंड से गिरोह बनाया। इसमें 30 साथियों को जोड़ा। पुलिस को भानु ने बताया 15 सितंबर को तीन-चार बाइक से अपने गिरोह के युवकों के साथ कृणाल गोराई को खोजने निकले। बिट्टू सिंह को पिस्तौल दिया और उसे छुपाकर रखने को कहा। बिट्टू और गातू ने सूचना दी कि कृणााल गोराई भाटिया बस्ती निवासी सूरज के घर पर मिलने आया है। सूचना सुबह 11 बजे मिली थी। तय हो गया कि वहीं मार देना है। यांजना के अनुसार ईंट-पत्थर सूरज के घर पर चलाया। कृणाल घर में घुस गया। उसके कहने पर बिट्टू ने फायरिंग की। गोली नहीं लगने पर वह, बिट्टू, गातू, जोय, विवेक, शुभम मित्रा, ओनी, शिवा लाहिरी समेत अन्य भाग निकले।

पिता और कई का संरक्षण मिला, गिरोह तैयार किया

भानु मांझी ने बताया कि उसे उसके पिता शंकर मांझी, जेल में बंद राजीव राम समेत कई का संरक्षण मिला। बताया कि उसके गिरोह का मकसद अपराध करना, रंगदारी मांगना और फायरिंग कर दहशत फैलाना था। वह कई बार जेल जा चुका था। उसे भी शौक था कि वह बड़ा अपराधी बन जाए। अपना गिरोह तैयार करे। विरोधियों से बदला ले सके। 

गोपी सरदार की मोबाइल से रंगदारी मांगता था

भानु मांझी ने बताया रांची जेल में बंद राजीव राम मोबाइल फोन 9304333646 और 8252149363 से धमकी देकर रंगदारी मांगता है। वह गणेश प्रधान, अविनाश उपाध्याय और अन्य लोग रंगदारी की रकम लेने जाते हैं। 10 सितंबर को जमीन कारोबारी तोपू को भानु मांझी ने गोपी उर्फ गुरप्रीत सिंह के नंबर से फोन किया। राजीव राम जो कांफ्रेस से जुड़ा था। जमानत के लिए तोपू को दो लाख रुपये देने को कहा। इंकार करने और केस करने पर हत्या कर देने की धमकी दी। राजीव राम के सहयोग से उसका भी काम हो जा रहा हैं। उसने रंगदारी के लिए स्क्रैप कारोबारी पर फायरिंग की थी।

भानु गिरोह में शामिल सदस्‍य

 भानु मांझी के गिरोह में आकाश सिंह देव, जगदीश राव, बिट्टू सिंह, अविनाश उपाध्याय, राजा, विवेक लहिरी, डोडा, सरदार, शिवम घोष, ओनी सिंह, छोटन उर्फ करण दत्ता, दीपक बाग।

पिता को लोग करते थे परेशान

भानु मांझी ने बताया कि उसके पिता शंकर मांझी को लोग काफी परेशान करते थे। मारपीट करते थे। उस समय वह काफी छोटा था। यह देखकर बर्दाश्त नहीं होता था कि पिता को कोई मारे। इसी कारण उसने गुस्से में लाल्टू महतो नाम के व्यक्ति का सिर फोड़ दिया था। उसे बाल सुधारगृह में रखा गया था। वह बाहर निकला। इसके बाद बड़ा होने पर पढ़ाई में मन नहीं लगा। वह अपराध करने लगा।


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