नहीं आता है बांग्ला तो नार्को टेस्ट के लिए क्यों ले गए गुजरात
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानगो की दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग ने पुलिस की जांच पर एक बार फिर प्रश्नच
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानगो की दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग ने पुलिस की जांच पर एक बार फिर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। दुष्कर्म पीड़िता ने बताया कि महिला तनुश्री नायक को भी पुलिस बचा रही है। उसने दावा किया कि मुझे तनुश्री नायक ही इंजेक्शन लगाती थी। जिस घर में मुझे इंजेक्शन देकर देहव्यापार कराया जाता था उस घर की भी पहचान की। इसके बावजूद पुलिस तनुश्री नायक को छोड़ दी। यही नहीं पुलिस दुष्कर्म के आरोपित व जेल में बंद बिजली मिस्त्री श्रीकांत महतो का इसलिए नार्को टेस्ट नहीं कराया क्योंकि उसे ¨हदी आती ही नहीं थी। पुलिस की इस रिपोर्ट को भी पीड़िता व पीड़िता के संरक्षक व उनकी पत्नी ने सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना था कि श्रीकांत महतो ¨हदी भाषी लोगों से ¨हदी में ही बात करता था। पुलिस उसका मोबाइल फोन का काल डिटेल निकाल कर देखे।
पीड़िता के संरक्षक नानक सेठ का कहना था कि यदि श्रीकांत महतो को ¨हदी नहीं आती थी तो जब उसकी गिरफ्तारी हुई तो पुलिस उससे पूछताछ की होगी। पूछताछ में वह यदि ¨हदी नहीं बोल रहा था तो उसे नार्को टेस्ट कराने के लिए गुजरात ले जाकर लाखों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत थी। जबकि नार्को टेस्ट के लिए अदालत से अनुमति, प्रक्रिया व पूछताछ में एक माह से अधिक समय लगा। जबकि पुलिस गुजरात जाने से पूर्व सारी प्रक्रिया की जानकारी ले ली होगी। यही नहीं जब पुलिस तीनों आरोपितों को गुजरात ले गयी तो वह वहां 14 दिन रहा। इतने समय में पुलिस को कोई बांग्ला बोलने वाले पुलिस पदाधिकारी या दोभाषिये को बुला लेना चाहिए था। संरक्षक की पत्नी ने बताया कि पुलिस ने हमसब का बयान लिया था, उसकी रिकार्डिग भी की गई। लेकिन केस डायरी में कई बयानों का जिक्र ही नहीं है।
मानगो थाना क्षेत्र में अश्लील वीडियो बनाकर नाबालिग से दुष्कर्म करने तथा देह व्यापार कराने के मामले में 19 जनवरी, 2018 को पीड़िता की मां ने मामला दर्ज कराया था। पीड़िता की मां ने शिव कुमार महतो, इंद्रपाल सैनी, नकुल महतो, श्रीकांत के खिलाफ दुष्कर्म करने व वीडियो का भय दिखाकर देह व्यापार कराने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में तीन आरोपित जेल में बंद हैं।
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हाईकोर्ट से सीबीआई जांच का आदेश नहीं मिलेगा तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
दुष्कर्म पीड़िता के संरक्षक का कहना है कि दुष्कर्म पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए निष्पक्ष जांच की जरुरत है। इस संबंध में सीबीआइ से जांच करायी जाए या नहीं इस मामले में 11 जून को हाई कोर्ट में रंजन मुखोपाध्याय की अदालत में सुनवाई होगी। यदि सुनवाई में हाईकोर्ट का सीबीआई जांच की अनुसंशा कर दी जाती है तब ठीक है। यदि हाई कोर्ट से सीबीआइ की जांच की अनुसंशा नहीं होगी तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।