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पुलिस के लिए बड़ी चुनौती, जमशेदपुर शहर में धड़ल्ले से फल-फूल रहे अवैध धंधे

मनोज सिंह, जमशेदपुर : शहर की जनसंख्या बढ़ रही है, इसी के साथ ही अपराध का भी ग्राफ बढ़ता जा रहा है। प

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 10:00 AM (IST)
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती, जमशेदपुर शहर में धड़ल्ले से फल-फूल रहे अवैध धंधे

मनोज सिंह, जमशेदपुर : शहर की जनसंख्या बढ़ रही है, इसी के साथ ही अपराध का भी ग्राफ बढ़ता जा रहा है। पिछली बार की गणना में शहर की आबादी 11 लाख थी आज यह बढ़कर 18 लाख हो गई है। तेजी से जनसंख्या बढ़ने का मुख्य कारण बाहर से लोगों का शहर में आना है। ये लोग रोजी-रोटी की तलाश में यहां आते हैं और कमाने का शार्टकट तरीका अपनाते हैं। इसमें ज्यादातर लोग अवैध कारोबार से जुड़ जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से जमीन का कारोबार, शराब-गांजा, जुआ, स्क्रैप आदि होता है। कुछ ही दिनों में उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाती है। इसमें आपराधिक गैंग व राजनीति संरक्षण उन्हें मिलता है। साथ ही पुलिस का परोक्ष रूप से सहयोग भी।

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--- यहां होते हैं अवैध कारोबार : धतकीडीह, भालूबासा हरिजन बस्ती, सीतारामडेरा, बाराद्वारी, देवनगर, छायानगर, उलीडीह, दाईगुट्टू, बागबेड़ा, जुगसलाई हरिजन बस्ती, बिरसानगर, बागुनहातु, सोनारी मेरीन ड्राइव के किनारे बसी बस्ती, बाबूडीह, भुइयांडीह, देवनगर, शंकोसाई आदि बस्तियों में धड़ल्ले से नशा का कारोबार फल-फूल रहा है। कहा तो यह भी जा सकता है कि शहर का कोई भी ऐसी बस्ती नहीं है जहां अवैध कारोबार नहीं होता हो। शराब कारोबार में कई की जा चुकी है जान : शराब के कारोबार में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। धतकीडीह निवासी शराब कारोबारी कल्लू घोष, बिरसानगर के सतनाम सिंह, एमजीएम थाना क्षेत्र के गेरुआ निवासी गाइम हत्याकांड के अलावा दलमा के बबुला सिंह की हत्या शराब के अवैध कारोबार के कारण प्रतिद्वंद्वियों ने कर दी। यहां-यहां बनते हैं अवैध शराब : दलमा पहाड़, डिमना क्षेत्र के गेरुआ, बिरसानगर के हुरलुंग, एमजीएम थाना क्षेत्र के बड़ाबांकी व छोटाबांकी नदी के किनारे बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाए जाते हैं। शहर में अवैध शराब सोनारी, डिमना व बिरसानगर के रास्ते पहुंचता है। वसूली को बना लिए धंधा : अवैध धंधे में लगे एक कारोबारी ने बताया कि वह पुलिस से लेकर थानेदार व आबकारी विभाग को प्रत्येक माह रकम पहुंचाता है। यही कारण है कि जुगसलाई, बर्मामाइंस, साकची, बागबेड़ा, मानगो, बिरसानगर, आजादबस्ती, एमजीएम आदि थाने से प्रतिमाह लाखों रुपये का अवैध वसूली होती है। एक थानेदार ने स्वीकार करते हुए बताया कि थाना चलाने में काफी खर्च है। इस खर्च को पूरा करने के लिए कुछ न कुछ रकम तो वसूली करवाते ही हैं। किस थाने क्षेत्र में कौन-कौन अवैध धंधा

- जुगसलाई : लोहा टॉल, डुप्लीकेट सामान का निर्माण

- बर्मामाइंस : लोहा टॉल

- साकची : गांजा, शराब दुकान

- बागबेड़ा : महुआ, लॉटरी, जुआ, सट्टा

- मानगो : गांजा, महुआ शराब, लोहा टाल

- बिरसानगर : महुआ शराब

- आजादबस्ती : लोहा टाल

किस काम के लिए कितना दिया जाता है थाने में - जमीन वालों से : 5000 रुपये प्रति कट्ठा

- गांजा दुकान : 500 रुपये प्रति माह

- शराब दुकान : 500-1000 रुपये प्रति माह

- लोहा टाल : 2000 - 5000 रुपये प्रति माह

- लॉटरी : 10000 - 20000 रुपये प्रति माह कोट

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अवैध कारोबार चाहे वह शराब का हो या अन्य उसे मात्र सामाजिक जागरूकता से ही रोका जा सकता है। शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए अक्सर कार्रवाई होती रहती है। शराब जब्त की जाती है और कारोबारी पकड़े जाते हैं।

- मनोज कुमार, सहायक आयुक्त, उत्पाद, पूर्वी सिंहभूम


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