Covid Test Jamshedpur: जांच के लिए सैंपल लिया नहीं, RT PCR रिपोर्ट आ गई कोरोना पॉजिटिव
कोरोना पॉजिटिव घोषित किए गए लोगों में गर्भवती महिलाएं एवं आंगनबाड़ी सेविका भी शामिल हैं। इससे पूरे पंचायत के लोगों में हड़कंप मच गया है। मामला उजागर होने के बाद सर्वे टेस्टिंग टीम में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों के भी हलक सूख गए हैं।
चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), पंकज मिश्रा। बगैर स्वाब सैंपल लिए क्या किसी की कोरोना जांच संभव है? नहीं ना? लेकिन पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया में स्वास्थ्य विभाग ने यह कारनामा कर दिखाया है। प्रखंड के सरडीहा पंचायत में आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जिनका नमूना नहीं लिया गया पर उनकी आरटी पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है।
पॉजिटिव घोषित किए गए लोगों में गर्भवती महिलाएं एवं आंगनबाड़ी सेविका भी शामिल हैं। इससे पूरे पंचायत के लोगों में हड़कंप मच गया है। मामला उजागर होने के बाद सर्वे टेस्टिंग टीम में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों के भी हलक सूख गए हैं। इससे सर्वे, जांच एवं रिपोर्टिंग की पूरी प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। दरअसल, बीते 25 मई से 5 जून तक पूरे प्रखंड में कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सर्वे एवं जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया था। इसके लिए दो प्रकार की टीम गठित की गई थी। पहली टीम का काम संदिग्ध लक्षण वाले लोगों को चिन्हित करना था। दूसरी टीम जिसमें स्वास्थ्य विभाग की एएनएम व सहिया शामिल थी, उसका काम संदिग्ध मरीजों का नमूना लेकर जांच करना था। जांच के लिए दो तरीके अपनाए गए थे। पहला रैपिड इंजन टेस्ट किट से जांच तथा दूसरा आरटीपीसीआर जांच। रैपिड किट से जांच का परिणाम तुरंत मिल जाता जबकि आरटी पीसीआर के लिए सैंपल लेकर जमशेदपुर के लैब भेज दिया जाता।
गुरुवार को ऐसे सामने आई गड़बड़ी
सर्वे एवं जांच के दौरान किस कदर लापरवाही बरती गई है यह गुरुवार को तब उजागर हुआ, जब सरडीहा पंचायत के कई लोगों को यह पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिए गए हैं जबकि उनका नमूना लिया ही नहीं गया था। इसी पंचायत की केंदाडांगरी गांव निवासी पानमनी हांसदा ने इसकी शिकायत पूर्व मुखिया दानगी सोरेन से की। इसके बाद यह बात पूरे पंचायत में जंगल की आग की तरह तेजी से फैल गई। सरडीहा की ही लक्ष्मी नायक, माधवी नायक, समीर बेहरा, अलादी बेहरा, सुमित्रा पैड़ा, लक्ष्मीप्रिया पैड़ा रमनी माहली आदि की रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात सामने आई है। जबकि तमाम लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं। इनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट में इनके नमूना संग्रह की तिथि 1 जून जांच हेतु भेजने की तिथि 3 जून तथा रिपोर्ट जारी होने की तिथि 8 जून दर्शाई गई है।
मामले की लीपापोती की हो रही कोशिश
बगैर नमूना लिए स्वस्थ लोगों को कोरोना पॉजिटिव घोषित किए जाने के मामले की लीपापोती शुरू हो गई है। गुरुवार को पॉजिटिव घोषित किए गए सभी लोगों की आनन-फानन में रैपिड टेस्ट किट से जांच कर उन्हें नेगेटिव करार कर दिया गया। इस संबंध में कई पीड़ित लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उनसे कहा कि आप लोग की रिपोर्ट गलत आ गई थी। इसलिए जांच करने आए हैं। इस पर उन्होंने पूछा कि जब आपने हमारा सैंपल लिया ही नहीं तो रिपोर्ट कैसे आ गई। जवाब में कहा गया कि गलती से हो गया था आप इसकी चर्चा किसी से ना करें। अगर कोई पूछे तो यह कह दे कि सैंपल लिया गया था। माना जा रहा है कि सर्वे व जांच के दौरान टारगेट पूरा करने के चक्कर में बगैर सोचे समझे लोगों का नाम लिखकर जांच के लिए भेज दिया गया, जिसके चलते गड़बड़ी हुई। बावजूद इसके यह सवाल तो फिर भी खड़ा होता है कि आखिर जांच के लिए गया नमूना किसका था? क्या गड़बड़ी सिर्फ स्थानीय स्तर पर हुई है या इसमें लैब भी शामिल है?
मामला गंभीर होगी कार्रवाई: डॉ मुर्मू
सरडीहा का मामला सामने आने पर चाकुलिया सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत मुर्मू ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। संबंधित एएनएम को मैंने तलब किया है। जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन को लिखा जाएगा।