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Covid 19 Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर को पार करने की यहां नहीं हो पाई पूरी तैयारी, जानिए क्या हाल है

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में भी तैयारी चल रही है लेकिन यह समय पर पूरी हो पाएगी या नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है। आइए जानिए क्या है जिले का हाल।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 05:31 PM (IST)
Covid 19 Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर को पार करने की यहां नहीं हो पाई पूरी तैयारी, जानिए क्या हाल है
वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में अगले माह कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।

अमित तिवारी, जमशेदपुर।  वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में अगले माह कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, जो दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक होगी। ऐसे में इससे निपटने के लिए हमें तैयार रहना होगा। पूर्वी सिंहभूम जिले में भी तैयारी चल रही है लेकिन यह समय पर पूरा हो पाएगा या नहीं इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

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मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने इसका जायजा लेने के लिए शहर के विभिन्न अस्पतालों की पड़ताल की। इस दौरान पाया गया कि तैयारी कहीं भी पूरी नहीं है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज संस्थान में कुल 150 बेड का इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) व पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) बनना है। इसमें 100 बेड का अस्थायी मॉड्यूलर आइसीयू व 50 बेड का अस्थायी मॉड्यूलर पीआइसीयू शामिल हैं। वहीं, बिष्टुपुर स्थित कांतिलाल मेमोरियल हॉस्पिटल में 50 बेड का पीआइसीयू बनना है। परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में 20 बेड का पीआइसीयू बनना है।

एमजीएम में टूट रहा जर्जर भवन

एमजीएम अस्पताल में 150 बेड का आइसीयू-पीआइसीयू तैयार किया जा रहा है। इसके लिए जर्जर भवन को तोड़ा जा रहा है। उस स्थान पर नया भवन तैयार कर उसमें अस्थायी आइसीयू-पीआइसीयू का निर्माण किया जाएगा। हालांकि, यह कब तक तैयार होगा, इसका जवाब एमजीएम प्रबंधन के पास नहीं है। पूछा गया तो पता चला कि इसका निर्माण जिला प्रशासन की ओर किया जा रहा है। ऐसे में यह कब तक तैयार होगा, इसकी जानकारी नहीं है।

एमजीएम अस्पताल में शिशु रोग विभाग के समीप पानी का जमाव।

बंद पड़ा है कांतिलाल अस्पताल

तीसरी लहर को देखते हुए कांतिलाल अस्पताल को जल्द ही खाली करा लिया गया था और वहां 50 बेड का पीआइसीयू बनाने का निर्णय लिया गया लेकिन कार्य अभी तक शु: नहीं हो सका है। जिला स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि पीआइसीयू का निर्माण टीएमएच द्वारा किया जाना है। फिलहाल यहां एक भी मरीज भर्ती नहीं है। दूसरी लहर में यहां 700 से अधिक मरीजों का इलाज हुआ।

सदर अस्पताल में स्पेशल वार्ड तैयार

तीसरी लहर को लेकर परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड तैयार किया गया है। वहीं, 20 बेड का पीआइसीयू अगले सप्ताह तक तैयार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही यहां 10 बेड का आइसीयू भी बनाया गया है। वहीं 120 बेड ऑक्सीजन युक्त उपलब्ध है।

मर्सी अस्पताल में 10 बेड का बन रहा पीआइसीयू

मर्सी अस्पताल में फिलहाल पीआइसीयू नहीं है, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए यहां 10 बेड का पीआइसीयू बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। मंगलवार को बिजली का तार जोड़ा जा रहा था।

घाटशिला में 20 बेड का बनेगा पीआइसीयू

घाटशिला, बहरागोड़ा, चाकुलिया प्रखंड को देखते हुए घाटशिला में 50 बेड का पीआइसीयू बनाने का निर्णय लिया गया है। इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में 20 बेड और बाकी 30 बेड हर प्रखंड के सीएचसी में 5-5 बेड का बनेगा। हालांकि, अभी तक कहीं भी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है।

टाटा स्टील ने तीन सेंटरों में लगाए बेड, डॉक्टरों की होगी बहाली

टाटा स्टील की तरफ से 500 बेड का अतिरिक्त अस्थायी अस्पताल का खाका तैयार है। इसमें साकची स्थित केरला समाजम मॉडल स्कूल के पुराने भवन में 300 बेड, ग्रेजुएट कालेज के पुराने भवन में 100 बेड और इंप्लाइज ट्रेनिंग सेंटर में 52 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा और भी एक सेंटर चिह्नित किया गया है। इन सभी जगहों पर बेड लगाकर छोड़ृ दिया गया है। मरीजों की संख्या बढ़ते ही इन अस्पतालों को 24 घंटे के अंदर तैयार कर लिया जाएगा। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी। इन सभी सेंटरों के पास में ही ऑक्सीजन प्लांट संचालित है। ऐसे में ऑक्सीजन की दिक्कत नहीं होगी। ऑक्सीजन पाइप बिछाने का कार्य चल रहा है। हालांकि, टीएमएच प्रबंधन का कहना है कि इतने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को चलाने के लिए बड़ी संख्या में मैनपावर की आवश्यकता है। टीएमएच अपने स्तर पर नए डॉक्टर व पारा मेडिकल स्टाफ बहाल कर रही है।

टाटा मोटर्स अस्पताल में 50 बेड का पीआइसीयू तैयार

टाटा मोटर्स अस्पताल में कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए शिशु वार्ड में 50 बेड तैयार किए हैं जिसमें 45 आक्सीजन बेड और पांच वेंटिलेटर वाले बेड शामिल हैं। इसके अलावा अस्पताल में 200 बेड तैयार किया गया है जिसमें 110 बेड आक्सीजन युक्त है जबकि सामान्य मरीजों के लिए अगल से 204 बेड हैं।

निजी अस्पतालों में भी पीआइसीयू बनाने का निर्देश

जिला प्रशासन की ओर से सभी नर्सिंग होम को भी पीआइसीयू बनाने को कहा गया है, ताकि बच्चों को किसी भी अस्पताल से वापस लौटना नहीं पड़े। हालांकि, पहली व दूसरी लहर में अधिकांश नर्सिंग होम ने मनमानी की है और जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन सही ढंग से नहीं किया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तीसरी लहर में वह जिला प्रशासन के साथ खड़ा होंगे।

दो लाख बच्चे हो सकते हैं प्रभावित

वेज्ञानिकों का दावा है कि तीसरी लहर में 50 प्रतिशत बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में 0-14 साल तक उम्र के लगभग चार लाख बच्चे हैं। इसके हिसाब से दो लाख बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। इसे देखते हुए सभी अस्पतालों में सामान्य बेड, ऑक्सीजन बेड व बच्चों के लिए पीआइसीयू पर जोर दिया जा रहा है। इंडियन एकेडमी आफ पीडियाट्रिक एसोसिएशन (आइएपी) ने बच्चों के लिए अस्पतालों में कुल बेड का 30 प्रतिशत बढ़ाने और 300 बेड का पीआइसीयू बनाने का सुझाव जिला प्रशासन को दिया है।

बड़ा सवाल, कहां से आएंगे डॉक्टर

सबसे बड़ा सवाल मैन पावर को लेकर बना हुआ है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर सहित अन्य सुविधाएं तो बढ़ाए जा रहे हैं लेकिन इसे संचालित करने के लिए डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन कहां से आएंगे। पहली लहर से ही इनकी कमी बनी हुई है लेकिन बहाली अभी तक नहीं हुई है।

जिले में 43 वेंटिलेटर लेकिन चलाने वाला नहीं

बीते डेढ़ साल में जिले को कुल 43 नए वेंटिलेटर मिला है लेकिन इसे संचालित करने के लिए विशेषज्ञों की टीम नहीं है। इसपर अभी भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि वेंटिलेटर चलाने के लिए विशेषज्ञों की टीम होनी चाहिए। अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं किया गया तो आगे मुश्किल होगी।

5714 बच्चों पर एक डॉक्टर

अभी शहर में लगभग चार लाख बच्चों के लिए टीएमएच, टाटा मोटर्स, ब्रह्मानंद, एमजीएम, सदर अस्पताल को मिलाकर जमशेदपुर में लगभग 19 वेंटिलेटर व 195 बेड और 70 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। अगर हम सेगमेंट वाइज देखें तो जमशेदपुर में 2051 बच्चों पर एक बेड, 21062 बच्चों पर एक वेंटिलेटर और 5714 बच्चों पर एक शिशु रोग विशेषज्ञ मौजूद हैं।

एमजीएम का ऑक्सीजन प्लांट तैयार, सदर अस्पताल व घाटशिला में नहीं

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एमजीएम अस्पताल में पीएसए (प्रेशर स्विंग एब्सार्पशन) ऑक्सीजन प्लांट तैयार हो चुका है। यहां मशीन भी लग गई है। जबकि परसुडीह स्थित सदर अस्पताल व घाटशिला स्थित अमुमंडल अस्पताल में अभी तक ऑक्सीजन प्लांट नहीं लग सका है। पीएसए प्लांट में प्राकृतिक हवा से ही ऑक्सीजन तैयार करने की तकनीक होती है। इसमें एक चैंबर में कुछ सोखने वाले रसायनिक तत्व डालकर उसमें हवा को गुजारा जाता है। इसके बाद हवा का नाइट्रोजन सोखने वाले तत्वों से चिपककर अलग हो जाता है और ऑक्सीजन बाहर निकल जाती है। यह प्लांट बैठने से जमशेदपुर में ऑक्सीजन की कमी दूर हो जाएगी।

टाटा स्टील ने दिए तीन हजार सिलेंडर

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिले को 700 सिलेंडर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की संभावनाओं के बीच ये ऑक्सीजन सिलेंडर चिकित्सीय संसाधनों को दुरुस्त रखने में काफी उपयोगी होंगे। सीएचसी-पीएचसी तक सिलेंडर पहुंचने से ग्रामीणों को भी जरूरत पड़ने पर आसानी से ऑक्सीजन मिल सकेगा।

कहां कितने सिलेंडर दिए गए

अस्पताल : सिलेंडर की संख्या

माचा, पटमदा : 90

घाटशिला : 90

मुसाबनी : 40

चाकुलिया : 40

बहरागोड़ा : 40

पोटका : 40

धालभूमगढ़ : 40

डुमरिया : 30

सदर अस्पताल : 200

एमजीएम : 70

कांतीलाल अस्पताल : 20

ये कहते कर्ताधर्ता

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी चल रही है। सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन युक्त बेड व बच्चों के लिए पीआइसीयू बनाने का निर्देश दिया गया है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

- डॉ. एके लाल, सिविल सर्जन

तीसरी लहर को लेकर एमजीएम अस्पताल में 100 बेड का आइसीयू व 50 बेड का पीआइसीयू तैयार किया जा रहा है। वहीं पूर्व से 170 बेड उपलब्ध है। मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

- डॉ. संजय कुमार, अधीक्षक, एमजीएम।


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