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corona Jharkhand: कोरोना से कोहराम, बेबस मरीज तड़प रहे लेकिन नहीं मिल रहा बेड

corona Jharkhand सभी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के बेड फुल हो चुके हैं। न तो सामान्य बेड बचा है और न ही ऑक्सीजन व वेंटिलेटर। मरीज बाहर में इंतजार कर रहें कि खाली हो तो भर्ती हों। शहर में तीन डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 06:06 PM (IST)
corona Jharkhand: कोरोना से कोहराम, बेबस मरीज तड़प रहे लेकिन नहीं मिल रहा बेड
तीन दिनों के अंदर 17 की मौत व एक हजार 172 पॉजिटिव मिले हैं।

जमशेदपुर, जासं। देख लीजिए। क्या हो गई है स्थिति। बेबस मरीज चिल्ला रहे, तड़प रहे लेकिन बेड नहीं मिल रही है। यहां तक की पैरवी भी नहीं आ रही काम। कोई मंत्री को फोन कर रहा तो नेता व डॉक्टर व पत्रकार को। लेकिन, वह सब बेकार जा रहा है, क्योंकि शहर के सभी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के बेड फुल हो चुके हैं। न तो सामान्य बेड बचा है और न ही ऑक्सीजन व वेंटिलेटर। मरीज बाहर में इंतजार कर रहें कि खाली हो तो भर्ती हों।

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शहर में तीन डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं। इसमें टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल व टाटा मोटर्स अस्पताल। तीनों अस्पतालों में मिलाकर लगभग 646 बेड है। इसमें टीएमएच में 456, एमजीएम में 110 व टाटा मोटर्स में 80 बेड है। वहीं, ब्रह्मानंद अस्पताल में भी बेड फुल है।

72 घंटे में बिगड़ी हलात, 17 की मौत, 1172 मिले पॉजिटिव

72 घंटे के अंदर शहर की हलात बिगड़ी है। तीन दिनों के अंदर 17 की मौत व एक हजार 172 पॉजिटिव मिले हैं। इसमें गंभीर मरीजों की संख्या अधिक है, जिससे अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ा। अधिकांश मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, जिन्हें ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है।

कहां कितने बेड खाली

  • अस्पताल - सामान्य बेड - ऑक्सीजन बेड – वेंटिलेटर
  • एमजीएम - 42 - 52 – 16
  • टीएमएच - 150 - 256 – 50
  • टाटा मोटर्स - 50 - 20 – 10

मर्सी अस्पताल में मरीज की मौत पर हंगामा, इलाज में लापरवाही का आरोप

बारीडीह स्थित मर्सी अस्पताल में बुधवार को एक मरीज की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने हंगामा किया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया और परिजन शव लेकर चले गए। दरअसल, गोविंदपुर निवासी एक मरीज को 12 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। परिजनों ने बताया कि उसे ब्लड प्रेशर व सांस लेने में परेशानी हो रही थी। एक दिन बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव है। इसके बाद वार्ड में उसे अलग कर दिया गया। इसके बाद परिजन चिकित्सक से मिलकर मरीज के संदर्भ में जानकारी लेना चाह रहे थे लेकिन कोई नहीं मिला। साथ ही उसे दूसरे अस्पताल में भी रेफर नहीं किया गया। परिजनों का कहना है कि अगर मरीज की देखरेख बेहतर होती तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। क्योंकि मरीज को जब भर्ती कराया गया था तब उसकी स्थिति बेहतर थी।

बंद पड़े मेडिका में कोरोना मरीजों के लिए 80 बेड की सुविधा

स्वास्थ्य व आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता से निर्देश मिलने के बाद उपायुक्त सूरज कुमार ने बिष्टुपुर स्थित बंद पड़े मेडिका अस्पताल का निरीक्षण कर इसे कोविड केयर सेंटर के रूप में उपयोग करने की बात कही। उपायुक्त ने मेडिका अस्पताल में मौजूद संसाधनों के साथ कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 80 बेड की सुविधा जल्द से जल्द दुरुस्त करने का निर्देश दिया, ताकि संक्रमित मरीजों को यहां इलाज के लिए रखा जा सके। इसके अलावे निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को अस्पताल में अन्य व्यवस्था में सुधार तथा बदलाव को लेकर कई आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिए। मंत्री ने मेडिका में वेंटिलेटर व आक्सीजन के साथ 80 बेड तैयार रखने की बात कही थी। निरीक्षण के दौरान वरीय पुलिस अधीक्षक, टीएमएच व एमजीएम अस्पताल के चिकित्सक समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल गत वर्ष जुलाई में बंद हो गया था।


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