मटकू में मृत व्यक्ति के खाते में भेज दी मनरेगा की राशि
स्ावाद सूत्र, पोटका : मनरेगा में बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है। इसकी बानगी मंगलवार को पोटका प्रखंड में हुई
स्ावाद सूत्र, पोटका : मनरेगा में बड़ा गड़बड़झाला चल रहा है। इसकी बानगी मंगलवार को पोटका प्रखंड में हुई योजना के सामाजिक अंकेक्षण की जनसुनवाई में देखने को मिली। अंकेक्षण में मनरेगा की राशि मृत व्यक्ति के खाते में भेज दी गई। यही नहीं, बल्कि बिना जॉब कार्ड के ही मजदूरी देने की मामला भी सामने आया।
दरअसल, पोटका प्रखंड कार्यालय में मंगलवार को मनरेगा का प्रखंड स्तरीय सामाजिक अंकेक्षण हुआ। इसमें कई मामलों पर सवाल उठाए गए और गड़बड़ियों पर चर्चा की गई। ये सभी मामले अब उपायुक्त तक जाएंगे और वही इसपर निर्णय लेंगे।
जनसुनवाई में मनरेगा की योजनाओं से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए तो सरकारी बाबूओं के पास आधे-अधूरे दस्तावेज ही मिले। इस मामले में स्थानीय रोजगार सेवक, जेई व, संबंधित अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है और उनपर जुर्माने की अनुशंसा को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा गया है। इस सुनवाई में एैसे कई मामले प्रकाश में आए जिसमें मनरेगा मजदूरी का भुगतान वैसे लोगों को कर दिया गया जिनका जॉब कार्ड ही नहीं था। इससे मिलती-जुलती कई तकनीकी गडबड़ियां सामने आई हैं। इस तरह के 15 मामले को उपायूक्त स्तर पर सुलझाने पर सहमति बनी है। कई एैसे मामले भी सामने आए, जिनमें काम हुआ ही नहीं, पैसे की निकासी कर ली गई। सुनवाई में जानमडीह, कोवाली व माटकू का भी मामला उठा। माटकू में एक मृत व्यक्ति के खाते में पैसे जाने का भी मामला सामने आया। जिसकी वापसी को लेकर दिशा- निर्देश दिए गए। इस जनसूनवाई में सामाजिक अंकेक्षण पोटका बीडीओं प्रभास चंद्र दास, कोल्हान प्रभारी जगत नारायण, प्रभात बिरूवा, पोटका प्रमुख सुकुरमनी टुडू समेत जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसके पूर्व जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी बाते रखी व सामाजिक अंकेक्षण टीम समेत ग्रामीणों को दिगभ्रमित करने का भी आरोप लगाया।
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एमबीबीएस डॉक्टरों की तर्ज पर आयूष डॉक्टरों का हो वेतन
संवाद सूत्र, पोटका : एमबीबीएस डॉक्टरों की तर्ज पर ही आयूष डॉक्टरों का ग्रेड व वेतन निर्धारण हो। यह बातें पोटका में पूर्वी सिंहभूम आयूष संघ के सचिव डॉ. अनूप मंडल ने एक संवाददाता सम्मेलन मे कहीं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय में भी यह मुद्दा उठाया जा चुका है। कहा कि एमबीबीएस डॉक्टरों को जहां 70, 000 का वेतनमान है तो वहीं आयूष डॉक्टरों को महज 23, 000 में हो गुजारा करना पड़ता है। उन्होंने आयूष डॉक्टरों की सेवा को उचित मान देने व उन्हें भी मुख्यधारा की सुविधाएं देने की मांग रखी।