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Corona Warriors : अब तक 251 शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं कोरोना योद्धा रवि भारती

Corona Warriors. लौहनगरी में एक ऐसा कोरोना योद्धा है जो अब तक 251 शवों का दाह संस्कार करा चुका है। हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सिटी मैनेजर रवि भारती की। रवि कहते हैं कि इस दौरान अब तक मेरे जेब से 35000 रुपये लग गए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 01:26 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:30 PM (IST)
Corona Warriors : अब तक 251 शवों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं कोरोना योद्धा रवि भारती
रवि भारती को स्‍वतंत्रता दिवस पर सम्‍मानित करते झारखंड के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री। फाइल फोटो

जमशेदपुर, मनोज सिंह।  लौहनगरी में एक ऐसा कोरोना योद्धा है, जो अब तक 251 शवों का दाह संस्कार करा चुका है। हम बात कर रहे हैं जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के सिटी मैनेजर रवि भारती की। रवि भारती ने रेयाज खान नामक एक समाजसेवी के माध्यम से अब तक 58 मुस्लिम समुदाय के मृत शरीर को दफनाने का भी काम किया। कोरोना काल में इनके सेवा के प्रति समर्पण भाव से काम करने के कारण ही इनके कार्यों के लिए झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित भी किया था।

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दैनिक जागरण से विशेष बातचीत करते हुए रवि भारती कहते हैं कि कई बार शवों के दाह संस्कार या दफनाने में हंगामा भी झेलना पड़ा। हालांकि, अपनी सूझबूझ से उन्हें हर बार कामयाबी ही मिली। रवि भारती अब तक अपनी जेब से 35 हजार रुपये भी खर्च कर चुके हैं। रवि कहते हैं कि एक साल से वह अपने परिवार से नहीं मिले और न कोई पर्व- त्यौहार ही मना पाए। आज स्थिति यह हो गयी है कि हर शाम को अंतिम संस्कार में शामिल होकर मानवता की जिम्मेवारी निभा रहे हैं।

अपनों ने नहीं दिया साथ, लेकिन रवि ने पैसे लगा किया दाह संस्कार

रवि भारती कहते हैं कि शहर में कोरोना से पहली बार 4 जुलाई को दो शव को दाह संस्कार कराया। इस दौरान बर्निंग घाट पर जमकर हो हंगामा हुआ, लेकिन किसी तरह पुलिस व विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार का हर तरह से सहयोग करने के कारण ही आज तक उन्‍होंने  251 कोरोना से मरे व्यक्तियों का दाह संस्कार कराया। इनमें से शनिवार यानी 19 सितंबर तक 58 मुस्लिम समुदाय के लोगों को विभिन्न कब्रिस्तान में दफनाया गया। मुस्लिम समुदाय के लोगों को दफनाने में रेयाज खान का बहुत ही बड़ा योगदान है। रेयाज कहते हैं कि प्रारंभिक दौर में साकची और धतकीडी कब्रिस्तान में थोड़ा परेशानी हुई, लेकिन लोगों को समझाने के बाद मामला शांत हो गया। रवि भारती कहते हैं कि कब्रिस्तान में तीन बाहरी लोगों को भी दफनाया गया। जिसमें से एक चक्रधरपुर, वेस्ट बोकारो तथा सरायकेला शामिल हैं।

जेब से लगा चुके 35 हजार रुपये

जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर रवि भारती कहते हैं कि वैश्विक महामारी कोविड -19 से मौत होने के बाद कई बार अपने भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। वैसे समय में मैं अपने सहयोगी कर्मचारी के साथ जान जोखिम में डालकर स्वर्णरेखा बर्निंग घाट हो या बाबूडीह क्रिश्चयन कब्रिस्तान, धतकीडीह कब्रिस्तान में जमकर हंगामा भी हुआ। ऐसे स्थिति में दाह संस्कार या दफनाने वाले कर्मचारी काम छोड़कर भाग जाते थे। किसी तरह अपने जेब से पैसे देकर दाह संस्कार में लगे लोगों को बुलाकर, खुशामद कर काम कराया। रवि कहते हैं कि इस दौरान अब तक मेरे जेब से 35000 रुपये लग गए।


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