Corona warriors: कोरोना योद्धा को मुआवजा तो दूर विभाग ने काट दिया वेतन, छह माह से भटक रही पत्नी
Corona warriors. ड्यूटी के कोराना संक्रमित होकर अपनी जान गंवाने वाले शिक्षक को अब तक कोई मुआवजा नियमानुसार नहीं मिला। सिर्फ यही नहीं अस्पताल में इलाजरत अवधि का इस शिक्षक का 14 दिन का वेतन शिक्षा विभाग ने काट दिया है।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। शिक्षकों ने जिस बात की आशंका जताई थी, वह सही साबित हो रही है। विभागीय लापरवाही के कारण कोविड-19 की ड्यूटी के कोराना संक्रमित होकर अपनी जान गंवाने वाले शिक्षक को अब तक कोई मुआवजा नियमानुसार नहीं मिला।
सिर्फ यही नहीं, अस्पताल में इलाजरत अवधि का इस शिक्षक का 14 दिन का वेतन शिक्षा विभाग ने काट दिया है। इससे बड़ी विडंबना और क्या होगी। यह शिक्षकों का मनोबल तोड़ने वाला कार्य है। सरकार व जिला प्रशासन को हर कार्य में शिक्षकों की आवश्यकता होती है। अभी भी शिक्षक कोरोना के विभिन्न तरह के कार्य में लगे हुए हैं। ऐसे में इस शिक्षक को मुआवजा तो दूर वेतन कट जाना सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
चेकपोस्ट पर की गइ थी तैनाती
दरअसल, फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में कार्य करने वाले पूर्वी सिंहभूम के क्रिश्चियन क्लब अल्पसंख्यक स्कूल के शिक्षक संतोष लकड़ा का प्रतिनयोजन उपायुक्त के आदेश पर 23 जून 2020 को चेकपोस्ट में किया गया। इस दौरान एक सप्ताह ड्यूटी करने के बाद वे कोरोना संक्रमित हो गए। कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन ने पहले उन्हें एमजीएम में भर्ती कराया। बाद में शिक्षकों के हंगामे के बाद उन्हें टीएमएच में भर्ती कराया। इलाज के क्रम में उनका निधन 16 जुलाई 2020 को हो गया। इस शिक्षक के निधन के बाद उसकी पत्नी ज्ञानी एक्का जो खुद एक शिक्षिका हैं, ने मुआवजे को लेकर जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिख कोरोना को लेकर किए गए बीमित राशि का मुआवजा तथा अन्य राशि की मांग की, लेकिन अब तक उन्हें कोई राशि नहीं मिली। पिछले छह माह से कार्यालयों का चक्कर लगाकर वह थक चुकी है। पूर्वी सिंहभूम के जिला शिक्षा विभाग की संवेदना देखिए अस्पताल में भर्ती अवधि यानि जुलाई माह के 14 दिन का वेतन भी विभागीय कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण काट दिया गया।
इनकी भी सुने
हमने काफी प्रयास किया। विभागीय सचिव से भी इस संबंध में मिला। मुख्यमंत्री तक को इसकी जानकारी विभिन्न माध्यमों से दी, लेकिन कोई फलाफल अब तक नहीं मिला। सरकारी घोषणा के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए।
- योगेंद्र प्रसाद ठाकुर, अध्यक्ष, झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ।
जून 2020 तक ही थी इंश्योरेंस की समय सीमा : उपायुक्त
पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार ने संतोष लकड़ा को अब तक मुआवजा न मिलने के संबंध में कहा कि कोविड-19 बीमा की वैधता जून 2020 तक ही थी। जून तक मृतक पांच कोरोना योद्धाओं को बीमित राशि देने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने अपनी अनुशंसा के साथ राज्य को भेज दिया गया है। इस शिक्षक की मौत जुलाई में हुई है। बावजूद इसके इस शिक्षक का प्रस्ताव भी राज्य को भेज दिया गया है। अभी किसी को मुआवजा नहीं मिला है। पूरे देश में अब तक 224 फ्रंटलाइन वर्कर्स को यह मुआवजा राशि प्राप्त हुई है।