Corona Virus Effect : कोरोना से डगमगाने लगी कोल्हान की गाड़ी, आयात-निर्यात बंंद
चीन में फैले कोरोना वायरस का असर झारखंड के कोल्हान में भी दिखने लगा है। आयात-निर्यात बंद हो गए हैं। इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रनिक्स समेत ऑटोमोबाइल सेक्टर में मार्च-अप्रैल से त्राहिमाम के आसार हैं।
जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। Corona Virus Effect चीन में फैले कोरोना वायरस का असर झारखंड के कोल्हान की अर्थव्यवस्था पर दिखना शुरू हो गया है। आर्थिक मंदी से जूझ रहा ऑटोमोबाइल सेक्टर अभी खड़ा होने की कोशिश ही कर रहा था कि नई त्रासदी सामने आ गई। वायरस की वजह से चीन से किसी प्रकार का आयात-निर्यात बंद हो गया है।
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स बाजार में चीन का एक तरह से आधिपत्य तो हो ही गया है, ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी इसकी जबरदस्त दखल है। टाटा मोटर्स समेत सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहनों में 40 से 60 फीसद तक चीन निर्मित उपकरण या कल-पुर्जे लगते हैं। आदित्यपुर स्थित टाटा मोटर्स की अनुषंगी इकाइयां (एंसिलरी यूनिट) भी चीन पर बहुत हद तक निर्भर हो गई हैं।
ये कहते उद्यमी
सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव भरत वसानी ने बताया कि फिलहाल ऑटो सेक्टर कुल क्षमता का चौथाई ही उत्पादन कर रहा है, इसलिए फिलहाल इसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। एक-दो माह बाद इसका असर अवश्य दिखेगा। सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने भी कहा कि मंदी की वजह से अभी बहुत ज्यादा फर्क नहीं दिख रहा है, लेकिन पड़ेगा।
होली में भी दिखेगा असर
जमशेदपुर चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष आलोक चौधरी ने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में 60 फीसद तक दखल है, इसलिए असर पडऩा स्वाभाविक है। कोरोना का असर तो अभी होली में दिखेगा, जब चाइनीज पिचकारी से लेकर रंग-गुलाल तक महंगे हो जाएंगे। चीन से यहां सिर्फ इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रानिक्स ही नहीं, फाउंड्री व फोर्जिंग के आइटम, बैट्री से लेकर टायर-ट्यूब तक काफी मात्रा में आते हैं। एकबारगी आयात बंद होने से आर्थिक स्थिति तो बिगड़ेगी, लेकिन इससे घरेलू उद्योग को आगे बढऩे का अवसर भी मिलेगा।
चाइनीज पिचकारी बिकेगी महंगी
कोरोना वायरस का असर होली में भी दिखने वाला है। चाइनीज पिचकारी, टोपी से लेकर रंग-गुलाल तक बाजार में चीन के ही बिकते हैं। जिन कारोबारियों ने होली के आइटम पहले मंगा लिए थे, उन्हें तो फायदा हो गया, लेकिन जो अब मंगाएंगे उन्हें महंगा पड़ेगा। साकची बाजार के हलीमुद्दीन बताते हैं कि उन्होंने भी पिचकारी मंगाई है, लेकिन अब यह 50 फीसद महंगी हो गई है। इसकी वजह से उन्होंने कम माल मंगाया है। स्वाभाविक है कि अब वे भी उसे महंगा ही बेचेंगे। बाजार का यही हाल रहा तो आगे परेशानी बढ़ सकती है ।
मुनाफा पर पड़ेगा असर
साकची बाजार के दुकानदार मोहम्मद दानिश बताते हैं कि जो सामान हम 20 रुपये में खरीदते थे, उसके लिए 35 रुपये दे रहे हैं। साकची मार्केट के एक कारोबारी ने बताया कि बंदूक वाली पिचकारी चीन से ही आती है। इस बार इसमें मुनाफा होने की उम्मीद नहीं है। पूरा माल बिक जाए, वही बहुत होगा।