कोरोना की तीसरी लहर में कहर के बीच भी राहत की खबर, आप भी जानिए
कोरोना मरीजों की तादात तो बढ रही है लेकिन सकून की बात है कि कोरोना के मात्र 3.72 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ रही है। होम आइसोलेशन में 96.20 प्रतिशत का इलाज चल रहा है। वे ठीक हो जा रहे है।
अमित तिवारी, जमशेदपुर : कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन अच्छी खबर यह है कि इसमें से अधिकांश को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। जी हां, रविवार की दोपहर तक की बात करें तो कुल एक्टिव केस सात हजार 752 है। इसमें सिर्फ 289 मरीज हीं शहर के विभिन्न कोविड अस्पतालों में भर्ती हैं। यानी 3.72 प्रतिशत।
वहीं, 96.28 प्रतिशत मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में चल रहा है। इन सभी मरीजों की निगरानी की जा रही है। तीसरी लहर को लेकर जो संभावना जताई जा रही थी और जिस हिसाब से अस्पतालों में बेड बढ़ाई गई है उसमें से अधिकांश खाली पड़े हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन डेल्टा के मुकाबले काफी कमजोर है। ओमिक्रोन फ्लू ही तरह है। सामान्य सर्दी-खांसी व बुखार की तरह हो रहा है और चार से पांच दिनों में मरीज ठीक हो जा रहा है। कोविड से ग्रस्त मरीजों का इलाज टीएमएच, एमजीएम, टाटा मोटर्स अस्पताल, मर्सी सहित अन्य अस्पतालों में चल रहा है।
आक्सीजन पर 13 व वेंटिलेटर पर चार मरीज भर्ती
कोरोना मरीजों में इस बार सांस की परेशानी बहुत कम हो रही है। अस्पताल में भर्ती कुल 289 मरीजों में से 13 आक्सीजन व चार वेंटिलेटर पर हैं। बाकी 272 मरीजों का इलाज सामान्य ढंग से चल रहा है। जबकि दूसरी लहर में यह स्थिति नहीं थी। अधिकांश मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उसका आक्सीजन लेवल तेजी से गिर रहा था। इससे उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराने की जररूत पड़ रही थी। इस दौरान कई मरीजों को समय पर आक्सीजन नहीं मिल सका और उनकी जान इलाज के अभाव में चली गई। चूंकि मरीजों की संख्या इतनी अधिक थी कि अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहा था।
- किस अस्पताल में कितने बेड
- अस्पताल : बेड
- टीएमएच : 1075
- टाटा मोटर्स अस्पताल : 150
- मर्सी अस्पताल : 250
- टिनप्लेट अस्पताल : 63
- उमा हॉस्पिटल : 50
- सेंट जोसफ हॉस्पिटल : 28
- कांतिलाल अस्पताल : 92
- सदर अस्पताल : 190
- एमजीएम : 186
- साकेत हॉस्पिटल : 32
- गंगा मेमोरियल : 25
- मयंक मृणाल : 11
- गुरुनानक अस्पताल : 22
- सिंह नर्सिंग होम : 10
- स्वर्णरेखा नर्सिंग होम : 06
- तारा सेवा सदन : 10
- जुगसलाई सीएचसी : 20
- पटमदा सीएचसी : 20
- घाटशिला सीएचसी : 50
- धालभूमगढ़ सीएचसी : 20
- चाकुलिया सीएचसी : 20
- बहरागोड़ा सीएचसी : 20
- पोटका सीएचसी : 20
- डुमरिया सीएचसी : 20
- मुसाबनी सीएचसी : 20
- एचसीएल अस्पताल, घाटशिला : 60
- यूसीआइएल अस्पताल, जादुगोड़ा : 60
- गुरुद्वारा कम्यूनिटी : 20
- केपीएस मानगो : 30
- मानगो कम्यूनिटी सेंटर : 30
कुल : 2635
इन केंद्रों पर खाली पड़ा है सिलेंडर
- अस्पताल : सिलेंडर की संख्या
- माचा, पटमदा : 90
- घाटशिला : 90
- मुसाबनी : 40
- चाकुलिया : 40
- बहरागोड़ा : 40
- पोटका : 40
- धालभूमगढ़ : 40
- डुमरिया : 30
- सदर अस्पताल : 200
- एमजीएम : 70
- कांतीलाल अस्पताल : 20
कुल : 700
कोरोना के अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण या फिर सामान्य सर्दी-खांसी व बुखार जैसी समस्या हैं जो पांच से छह दिन में ठीक हो जा रहा है। हालांकि, संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है, जो चिंता का विषय है। इससे बचने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
- डा. साहिर पाल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।