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Bonus in Tata Motors : टाटा मोटर्स के बोनस पर दिखेगा कोरोना का असर,जल्‍द शुरू होगी वार्ता

Bonus in Tata Motors. टाटा मोटर्स कर्मचारियों के सालाना बोनस पर वैश्विक महामारी कोरोना का असर दिखने को मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में लॉकडाउन की वजह से कंपनी का उत्पादन प्रभावित हुआ। कंपनी को कई बार ब्लॉक-क्लोजर भी लेना पड़ा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 01:35 PM (IST)
Bonus in Tata Motors : टाटा मोटर्स के बोनस पर दिखेगा कोरोना का असर,जल्‍द शुरू होगी वार्ता
टाटा मोटर्स में बोनस के साथ स्थायीकरण पर उच्व स्तरीय वार्ता चल रही है।

जमशेदपुर, जासं। bonus in tata Motors टाटा मोटर्स कर्मचारियों के सालाना बोनस पर वैश्विक महामारी कोरोना का असर दिखने को मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंत में लॉकडाउन की वजह से कंपनी का उत्पादन प्रभावित हुआ। वहीं बाजार में आई मंदी की वजह से कंपनी को कई बार ब्लॉक-क्लोजर भी लेना पड़ा है।

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उत्पादन कम नहीं होने का सीधा असर कंपनी की सेहत पर पड़ा है। इन सब के बीच कंपनी को बोनस करना है तो परंपरा के मुताबिकअस्थायी कर्मियों को स्थायीकरण भी। इसे लेकर टाटा मोटर्स प्रबंधन काफी गंभीर है। कंपनी के मुनाफे, उत्पादन व सुरक्षा का आंकलन किया जा रहा है। बोनस के साथ स्थायीकरण पर उच्व स्तरीय वार्ता चल रही है। इधर, यूनियन भी बोनस के साथ बाई सिक्स कर्मचारियों को स्थायीकरण की मांग करने लगी है। कंपनी मुख्यालय से निर्देश मिलने पर ही होगा समझौता

टाटा मोटर्स के मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद ही यहां बोनस होगा। मुख्यालय से बोनस मद में कितनी राशि मिल रही है। कंपनी उसे यहां कैसे बांटेगी। इन सभी विषयों पर निर्णय होने के बाद ही यहां बोनस पर वार्ता शुरू होगी तथा उस पर मुहर लगेगी। यूनियन की ओर से प्रबंधन को बोनस पत्र थमाया गया है। प्रबंधन उस पत्र पर विचार कर रहा है। बहुत जल्द प्रबंधन-यूनियन की वार्ता शुरू होगी। फिर बोनस राशि पर सहमित बनाने के बाद समझौता होगा। बीते साल कर्मचारियेां को 12.9 फीसद बोनस मिला है। न्यूनतम 19 हजार तो अधिकतम 49 हजार रुपए कर्मचारियों के खाते में गई थी। इसके साथ ही 306 अस्थायी कर्मियों को स्थायी हुआ था।

बोनस फार्मूला नहीं रहने से होता है विलंब

टाटा मोटर्स में बोनस फार्मूला नहीं रहने की वजह से भी समझौते में विलंब होता है। टाटा स्टील, टिनप्लेट, जुस्को समेत अन्य कंपनियों में फार्मूला बना हआ है, जिससे बोनस समझौता करने में समय नहीं लगता है। एक-दो वार्ता के बाद सहमति बन जाती है। लेकिन ऑटो मोबाइल कंपनी का हवाला देते हुए अभी तक यहां बोनस का फार्मूला नहीं बना है। इसे लेकर कई बार फार्मूला बनाने की बात भी उठी, लेकिन सहमति नहीं बनी।


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