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प्रसव के सात घंटे बाद दम तोड़ गई महिला, अब बच्चे की भी मौत; परिजन कह रहे अस्पताल की लापरवाही

बच्चे को जन्म देकर महिला सात घंटे बाद दम तोड़ गई और अब बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। परिजन इसे अस्पताल की लापरवाही बता रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 13 Jun 2019 01:12 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2019 01:12 PM (IST)
प्रसव के सात घंटे बाद दम तोड़ गई महिला, अब बच्चे की भी मौत; परिजन कह रहे अस्पताल की लापरवाही
प्रसव के सात घंटे बाद दम तोड़ गई महिला, अब बच्चे की भी मौत; परिजन कह रहे अस्पताल की लापरवाही

जमशेदपुर, जेएनएन। बच्चे को जन्म देकर महिला सात घंटे बाद दम तोड़ गई और अब बच्चे ने भी दम तोड़ दिया। परिजन इसे अस्पताल की लापरवाही बता रहे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल का ध्यान इलाज पर कम आर्थिक दोहन पर ज्यादा रहा और इसी वजह से पहले मां और अब बच्चे की जान चली गई। मां की मौत इलाज में लापरवाही से हुई जबकि बच्चे की जान इलाज बंद कर देने के कारण चली गई। मामला जमशेदपुर के प्रतिष्ठित टीएमएच से जुड़ा है।

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कदमा थाना इलाके की भाटिया बस्ती के भरत ठाकुर ने इसकी शिकायत उपायुक्त से की है। उन्होंने बताया है कि 12 अप्रैल को प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी प्रियंका को टीएमएच में भर्ती कराया था। यहां ऑपरेशन के बाद स्वस्थ शिशु का जन्म हुआ। उसके बाद प्रियंका ने बातचीत बंद कर दिया। तब डॉक्टरों ने बताया कि उसे जांडिस है और ऑपरेशन करना पड़ेगा। उसके कुछ समय बाद बताया गया कि मरीज को हर्ट अटैक आया है। उसे आइसीयू में डाल दिया गया और तीन बजे सुबह में मौत की सूचना दी गई।

बच्चे की हालत भी बताई गई गंभीर

प्रियंका की मौत के बाद शिशु की हालत भी गंभीर बताई गई। जब इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की गई तो जांच कर उचित कार्रवाई करने और अस्पताल का बिल माफ करने का अश्वासन दिया गया। कहा गया कि बच्चा जबतक पूर्ण स्वस्थ नहीं हो जाता इलाज का खर्च अस्पताल वहन करेगा।

बाद में मुकर गया प्रबंधन

टीएमएच पहुंचे परिजन। 

शिकायत में कहा गया है कि बाद में प्रबंधन आश्वासन से मुकर गया और बिल जमा करने के दवाब के साथ बच्चे का इलाज बंद करने की धमकी दी जाने लगी। इसके बाद कहा गया कि बच्चे को घर ले जाएं। काफी मनुहार के बाद बच्चे को इलाजरत रखा गया। 11 जून की रात बच्चे को देखने जाने पर बताया गया कि मशीन निकाल दिया गया है। बच्चे के लिए दूध लाने की बात कही गई। इसके बाद दूसरे दिन गया तो बताया गया बच्चा ठीक है। शाम में जब पिफर दूध लेकर गया तो बताया गया कि बच्चे की मौत हो गई। आरोप है कि बच्चे की मौत बेशक इलाज में लापरवाही से हुई है।  

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