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कॉकलियर इंप्लांट : अब बोलेगा अप्रीत, सुन सकेगा लखन Jamshedpur News

टीएमएच में रविवार को झारखंड के दो बच्‍चों की कॉकलियर इंप्लांट के ि‍लिए होगी मुफ़त सर्जरी भोपाल से आएंगे विशेषज्ञ डॉक्टर।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 08:19 PM (IST)
कॉकलियर इंप्लांट : अब बोलेगा अप्रीत, सुन सकेगा लखन Jamshedpur News
कॉकलियर इंप्लांट : अब बोलेगा अप्रीत, सुन सकेगा लखन Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। Cochlear Implant : झारखंड के दो बच्चों का मुफ्त में कॉकलियर इंप्लांट रविवार को टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में होगा। इसके लिए भोपाल से कॉकलियर इंप्लांट एंड इएनटी सर्जन डॉ. एसपी दूबे आएंगे।

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इंप्लांट के लिए सरायकेला-खरसावां स्थित मीरुडीह गांव निवासी साढ़े चार वर्षीय लखन मंडल व देवघर के जसीडीह निवासी दो वर्षीय अप्रीत कुमार रे को चयनित किया गया है। इसपर करीब छह लाख रुपये खर्च होंगे। सारा खर्च सरकार उठाएगी। टीएमएच के इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनायक बरुआ ने बताया कि अब घबराने की जरूरत नहीं है। आपका बच्चा अगर पांच साल से कम उम्र का है और उसमें सुनने की क्षमता नहीं है तो वह भी सामान्य बच्चों की तरह बोल-सुन सकता है। इसके लिए कॉकलियर इंप्लांट किया जाता है।

इस ऑपरेशन के बाद बच्चों में 100 फीसद तक सुनने व 90 फीसद तब बोलने की क्षमता आ जाती है। यह इंप्लांट मंहगा जरूर है लेकिन अगर किसी परिवार की मासिक आमदनी 15 हजार रुपये तक है, तो उसका सारा खर्च सरकार वहन करेगी। एपिड योजना के तहत ही इन दोनों मरीजों का चयन हुआ है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप मुंबई के अली यावर जंग राष्ट्रीय श्रवण विकलांगता संस्थान की वेबसाइट पर पंजीयन करा सकते हैैं।

छह चिकित्सकों की टीम करेगी इंप्लांट

दोनों मरीजों की सर्जरी छह सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम करेगी। इसमें कॉकलियर इंप्लांट एंड ईएनटी रोग सर्जन डॉ. एसपी दुबे, टीएमएच के चीफ मेडिकल इंडोर सर्विसेस डॉ. केपी दुबे, इएनटी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गुप्ता, कंसलटेंट डॉ. विनायक बरुआ, डॉ. अभिजीत कुमार व डॉ. आलोक कुमार शामिल होंगे।

क्या है कॉकलियर इंप्लांट 

यह वह पद्धति है, जिससे बच्चे की संपूर्ण सुनने की शक्ति कृत्रिम तरीके से बच्चे के मस्तिष्क तक पहुंचाई जाती है। कॉकलियर इंप्लांट एक छोटे से ऑपरेशन द्वारा बच्चे के कान में प्रत्यारोपित किया जाता है। उसके बाद विशेषज्ञ द्वारा उसको संचालित करके सुनने की स्थिति में ढाला जाता है। यह प्रक्रिया ऑपरेशन के दौरान ही शुरू की जाती है। इसके बाद समय-समय पर दो या ढाई साल तक सुनने की मैपिंग करने से बच्चे की सुनने की क्षमता ठीक हो जाती है।

कॉकलियर इंप्लांट इससे पहले भी टीएमएच अस्पताल में किया गया है। गरीब मरीज सरकारी योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा।

 डॉ. विनायक बरुआ, इएनटी रोग विशेषज्ञ, टीएमएच।


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