Weekly News Roundup Jamshedpur : 50 रुपये वाले बीईईओ साहब,पढ़िए शिक्षा जगत की अंदरूनी खबर
Weekly News Roundup Jamshedpur. शिक्षा विभाग में इन दिनों 50 रुपये वाले बीईईओ साहब की चर्चा जोरों पर है। इस साहब का ऑडियो सोशल मीडिया तक में वायरल कर दिया गया है।
जमशेदपुर, वेंकटेश्वर राव। Weekly News Roundup Jamshedpur शिक्षा विभाग में इन दिनों 50 रुपये वाले बीईईओ साहब की चर्चा जोरों पर है। इस साहब का ऑडियो सोशल मीडिया तक में वायरल कर दिया गया है। इन पर शिक्षकों से प्रतिमाह वेतनमद में 50 रुपये मांगने का आरोप है। इनका नाम है- रामजतन।
पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ प्रखंड के शिक्षकों ने इनके खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। इस मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से स्पष्टीकरण भी जारी किया गया है। दरअसल, विभाग के पदाधिकारियों को शिक्षकों से 50 रुपये की वसूली वाली ये बात हजम नहीं हो रही है। खैर, साहब के इस शर्मनाक करतूत से विभाग भी शर्मसार हो रहा है। बीइइओ साथी पदाधिकारियों के बीच उपहास के पात्र बन गए हैं। चाय पीते हुए उनके साथी कहते हैं- 50 रुपये दे दो। इतना सुनते नाराज हो जाते हैं। उनके साथी कहते हैं- अरे यार, मैं चाय का खर्चा देने के लिए कह रहा हूं।
डॉ. जूही बनाम कोल्हान विश्वविद्यालय
डीबीएमएस की प्राचार्य डॉ. जूही समर्पिता और कोल्हान विश्वविद्यालय के बीच जारी लुकाछिपी का खेल इन दिनों खूब चर्चा में है। जब प्राचार्य पद पर नियुक्ति हुई थी तो उस समय एनसीईटीई के चेयरमैन के रूप में विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. शुक्ला माहांती पदस्थापित थीं। उसके बाद कुमारी मधुलिका की शिकायत के आधार पर विश्वविद्यालय ने नियुक्ति की जांच कराई। टीम ने डॉ. एके झा, डॉ. संजीव आनंद और रवींद्र ¨सह शामिल किए गए थे। मार्च में यह रिपोर्ट पूर्व कुलपति को सौंप दी गई थी। उसके बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से इस बारे में डीबीएमएस कॉलेज प्रबंधन को कोई सूचना नहीं दी गई। अब अचानक इस रिपोर्ट के उजागर होने के बाद माहौल गरमा गया है। हैरानी की बात यह भी है कि विश्वविद्यालय के मौजूदा पदाधिकारियों ने भी कॉलेज प्रबंधन को रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है। फिर यह रिपोर्ट अचानक से मुधुलिका के पास कैसे आ गई?
दो संघों का आनंद उठा रहे निजी स्कूल
जमशेदपुर के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बच्चों के नामांकन को लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ लगातार आंदोलन कर रहा है। संघ का आरोप है कि निजी स्कूल इन बच्चों के नामांकन को लेकर मनमानी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे अंचल कार्यालय द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र व जन्मतिथि प्रमाण-पत्र को भी नहीं मान रहे हैं। संघ इस बात को लेकर एक सप्ताह में दो बार आंदोलन कर चुका है। एक सप्ताह के अंदर एक ही मुद्दे पर हुए इस आंदोलन की चर्चा जोरों पर है। झारखंड अभिभावक संघ ने फीस मामले को लेकर आंदोलन किया था। अब जमशेदपुर अभिभावक संघ आंदोलन के बहाने अपनी उपस्थिति बरकरार रखना चाहता है। यानी अब दो-दो अभिभावक संघ होने से निजी स्कूल प्रबंधन दोनों के आंदोलन का मजा ले रहे हैं। असल बात यह कि दोनों संघों में से किसी की बात का असर स्कूलों पर नहीं हो रहा है।
काहे की परीक्षा, पास कर दीजिए
जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के लिए इन दिनों छात्राओं से लगातार संवाद कर रहा है। छात्राएं कहती हैं कि कोई भी ऑनलाइन परीक्षा के लिए नेट कनेक्टिवटी जरूरी है। यह मोबाइल से तो संभव है नहीं। इसके लिए तो उन्हें साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ेगा। वर्तमान में यूजीसी की ओर से भी परीक्षा के आयोजन के लिए कोई विशेष गाइडलाइन नहीं है। बस यही निर्देश है कि आंतरिक परीक्षा के आधार पर सेमेस्टर की सभी छात्राओं को प्रमोट कर देना है। इसके बावजूद परीक्षा लेने की बात समझ से परे है। छात्राएं कहती हैं- मैडम हैं कि छात्राओं की बात मानती ही नहीं। परीक्षा आयोजित करने के लिए जिद लेकर बैठी हैं। सरकार की ओर से ही परीक्षाओं के आयोजन पर रोक लगी है तो काहे का जिद। सुप्रीम कोर्ट भी तो 12वीं की परीक्षा को लेकर फैसला सुना चुका है। अब देखिए, मैडम की मर्जी।