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कोल्‍हान के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल की सूरत बदलने की फ‍िर कवायद, लोगों की टिकी निगाहें

मंत्री बन्ना गुप्ता कई कार्यक्रमों में जब एमजीएम का कायाकल्प करने की बात कहते हैं तो लोगों में एक उम्मीद जरूर जगती है लेकिन बीते एक साल का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो एमजीएम की स्थिति जस की तस है। अब आगे क्या होगा इसका इंतजार हर नागरिक को है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 04:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 09:03 PM (IST)
कोल्‍हान के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल की सूरत बदलने की फ‍िर कवायद, लोगों की टिकी निगाहें
जमशेदपुर के एमजीएम अस्‍पताल में जुस्‍को की टीम। जागरण

जमशेदपुर, जासं।  झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जब रांची से स्वास्थ्य मंत्री बनकर शहर लौटे थे तब उन्होंने कहा था-अगर मैं नहीं सुधार सकता एमजीएम तो फिर दूसरा कोई भी नहीं सुधार सकता। लगभग एक साल पूर्व उन्होंने साकची स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था।

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इसके बाद मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रयास भी तेज किया। दिल्ली, चेन्नई, रांची सहित देश के कई राज्यों से अलग-अलग टीम एमजीएम का निरीक्षण करने पहुंची। इसी दौरान कोरोना की शुरूआत हो गई, जिससे पूरा कार्य रुक गया। अब फिर से एमजीएम अस्पताल को सुधारने की कवायद तेज हो गई है। बुधवार को जुस्को के सीनियर जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम एमजीएम अस्पताल पहुंची। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक पूरे अस्पताल का जायजा लेकर पूरी खामियों को चिन्हित किया गया। टीम ने अधीक्षक डॉ. संजय कुमार, उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी के साथ बैठक भी किया और पूरे स्थिति से अवगत हुई। इमरजेंसी विभाग से लेकर बर्न, मेडिकल, सर्जरी सहित अन्य विभागों में कई खामियां नजर आई जिसे दूर करने का निर्देश दिया गया। साथ ही, सोमवार को एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सारे खामियों को चर्चा होगी और उसका रिपोर्ट तैयार कर मंत्री बन्ना गुप्ता को भेजा जाएगा। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

एक साल में एक कदम भी नहीं बढ़ सका एमजीएम

मंत्री बन्ना गुप्ता कई कार्यक्रमों में जब एमजीएम का कायाकल्प करने की बात कहते हैं तो लोगों में एक उम्मीद जरूर जगती है लेकिन बीते एक साल का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो एमजीएम की स्थिति जस की तस है। अब आगे क्या होगा, इसका इंतजार उनके विधानसभा के हर नागरिक को है। क्योंकि कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल होने के नाते यहां हर कोई इलाज कराने आता है लेकिन, जब उन्हें इलाज नहीं मिल पाता तो निराशा ही लौटना पड़ता है।

बीते पांच साल में सीएम से लेकर मंत्री तक आएं लेकिन नहीं दूर हुई समस्या

- 5 अप्रैल 2015 : तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी।

- 30 जनवरी 2016 : तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास।

- 18 अप्रैल 2016 : तत्कालीन मंत्री सरयू राय।

- 31 अगस्त 2017 : प्रदेश महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष कल्याणी शरण।

- 1 सितंबर 2017 : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव सुधीर त्रिपाठी।

- 11 सितंबर 2017 : कोल्हान के तत्कालीन आयुक्त ब्रजमोहन कुमार।

- 24 जुलाई 2018 : स्वास्थ्य विभाग की तत्कालीन सचिव निधि खरे।

- 13 दिसंबर 2018 : स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ. नितिन मदन कुलर्णी।


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