CICSE Class 12th Exam Big Update : बोर्ड का स्कूलों को निर्देश, 12वीं के छात्रों का 11वीं में प्राप्त एवरेज मार्क्स करें सबमिट
CBSE व ICSE की दसवीं की परीक्षा पहले ही रद की जा चुकी है वहीं 12वीं की परीक्षा पर भी तलवार लटक रही है। अब ताजा खबर के अनुसार सीआईएससीई बोर्ड ने अपने सभी स्कूलों से 12 वीं की परीक्षा दे रहे छात्रों का डाटा मांगा है।
जमशेदपुर, जासं।। कोरोना संक्रमण के कारण 10वीं की परीक्षाएं पहले ही रद कर दी गई है, वहीं 12वीं की परीक्षा को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (CICSE) ने नइ गाइडलाइन जारी की है।
सीआईएससीई बोर्ड अपने मान्यता प्राप्त स्कूलों से वर्तमान सत्र के दौरान क्लास 12 में पढ़ रहे छात्रों को 11वीं में प्राप्त अंक औसत डेटा जमा करने का निर्देश दिया है। Council for Indian School Certificate Examination ने क्लास 12 की परीक्षा स्थगित कर दी थी। यह परीक्षा चार मई से होने वाली थी। इस बीच कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए अभिभावक व छात्रों का एक बड़ा वर्ग परीक्षा रद करने की मांग कर रहा है। लेकिन बोर्ड अभी तक अंतिम निर्णय नहीं ले पाया है। काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन ने सीबीएसई की तरह दसवीं की परीक्षा पहले ही रद करने की घोषणा कर चुका है।
सभी स्कूलों को 12वीं की डेटा देने को कहा
सूत्रों के अनुसार, CICSE ने अपने सभी स्कूल को लिखे पत्र में कहा है कि बोर्ड सभी स्कूलों से 12वीं क्लास की परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों का 11वीं कक्षा का डाटा प्रस्तुत करने को कहा है। CICSE से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को यह पत्र strictly confidential कर जारी किया गया है। हालांकि इस संबंध में सीआईएससीआई के सचिव गैरी अराथून की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है कि क्या डेटा जमा करने की कोशिश बोर्ड परीक्षाओं को रद करने और वैकल्पिक मूल्यांकन विधियों को चुनने की दिशा में पहल है।
सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को लेकर अटकलों का दौर जारी
उधर, सीबीएसई 12वीं की परीक्षा को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। परीक्षा की संभावित तिथि, अंक प्रणाली, परीक्षा के पैटर्न तक में बदलाव करने की बात कही जा रही है। परीक्षाओं के आयोजन को लेकर दो तारीखों पर विचार तक का दावा किया जा रहा है। पहले विकल्प में सिर्फ मुख्य विषय की परीक्षा निर्धारित सेंटर पर कराई जा सकती है। इन्ही परीक्षाओं के नंबर को आधार बनाकर अन्य विषय की मार्किंग की जा सकती है। इस विकल्प के तहत परीक्षा का आयोजन करने मं प्री एग्जाम के लिए एक महीना, फिर परीक्षा और उसके बाद रिजल्ट डिस्क्लेमर करने के लिए दो महीने और इसके बाद बाद कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए 45 दिन का समय होना चाहिए। ज्यादा संभव हो, इसी प्रक्रिया को अपनाया जाए।