शून्य दुर्घटना का लक्ष्य पाने में एमएसएमई की भागीदारी आवश्यक : संजय
सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) झारखंड चैप्टर की ओर से शुक्रवार को औद्योगिक सुरक्षा सम्मेलन का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) झारखंड चैप्टर की ओर से शुक्रवार को औद्योगिक सुरक्षा सम्मेलन का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया। सीआईआई झारखंड औद्योगिक सुरक्षा कॉन्क्लेव-2020 का उद्देश्य अपने संगठनों में सुरक्षा की एक और मजबूत संस्कृति के निर्माण के लिए हितधारकों को प्रेरित करना था।
इस कॉन्क्लेव ने एक मंच के रूप में काम किया, जिसमें प्रतिभागियों को सुरक्षा पेशेवरों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। इस अवसर पर सीआईआई झारखंड स्टेट काउंसिल के चेयरमैन और मैनेजिग डायरेक्टर, मेटलडी इंडस्ट्रीज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष संजय सभरवाल ने कहा कि विजन जीरो या जीरो-एक्सीडेंट वर्कप्लेस को प्राप्त करने के लिए हमें एमएसएमई (सूक्ष्म-लघु एवं मध्यम उद्योग- माइक्रो स्मॉल एंड मिडियम इंडस्ट्री) की अधिक भागीदारी और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होगी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सीआईआई झारखंड सेफ्टी पैनल ने एमएसएमई को बेहतर सुरक्षा प्रबंधन प्रथाओं पर नियंत्रण करने और उन्हें एक सुरक्षित व बेहतर में बदलने के लिए प्रोजेक्ट सारथी लॉन्च किया है। टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के चीफ विलास गायकवाड़ ने कहा कि सुरक्षा की दिशा में नेतृत्व की प्रतिबद्धता संगठन के भीतर सच्ची सुरक्षा संस्कृति को विकसित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। टाटा मोटर्स लिमिटेड के सेफ्टी हेड विपिन बी शरण ने कहा कि सीआईआई झारखंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी कॉन्क्लेव का यह दूसरा संस्करण महत्वपूर्ण टेकअवे के साथ एक अच्छा सीखने का सत्र साबित होगा और उद्योगों को एक सुरक्षित कार्यस्थल के लिए सक्रिय ²ष्टिकोण लेने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करेगा। टाटा मोटर्स महाप्रबंधक पीके सिन्हा ने सुरक्षित कार्यप्रणाली के बारे में वि स्तार से जानकारी दी। जोजोबेड़ा सीमेंट प्लांट न्यूवोको विस्टास कॉरपोरेशन लिमिटेड के वरीय उपाध्यक्ष राजू रामचंद्रन ने कहा कि औद्योगिक सुरक्षा में विजन जीरो हासिल करने के लिए नई मानसिकता, नई मान्यताओं, नए ²ष्टिकोण और एक अलग तरह के नेतृत्व की आवश्यकता होगी। सीआईआई झारखंड सेफ्टी पैनल के संयोजक और न्यूवोको विस्टास के उप महाप्रबंधक श्रीकांत सिंह ने कहा कि विश्व स्तर के मानकों का निर्माण और विनिर्माण और सेवाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना तब तक निरर्थक साबित होगा जब तक सभी हितधारक प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता के लिए जागृत नहीं जाते।