Co-operative Bank Scam : गबन के आरोपित कारोबारी संजय को सीआइडी ने पश्चिम बंगाल से किया गिरफ्तार
Co-operative Bank Scam. झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से दो कांडों में 36 करोड़ 16 लाख 4 500 गबन करने के आरोपित 37 वर्षीय कारोबारी संजय कुमार डालमिया को सीआइडी ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया।
सरायकेला, जासं। झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से दो कांडों में 36 करोड़ 16 लाख 4 ,500 गबन करने के आरोपित 37 वर्षीय कारोबारी संजय कुमार डालमिया को सीआइडी ने पश्चिम बंगाल के वद्र्धमान जिला अंतर्गत हीरापुर थाना क्षेत्र रंगपुरा के नर्सिंगबांध, मलिकपाड़ा नियर बालाजी धाम से गिरफ्तार किया। सरायकेला थाना कांड संख्या- 118/2019 प्राथमिकी अभियुक्त संजय कुमार डालमिया है। गुप्त सूचना एवं शिक्षण तकनीकी अनुसंधान के आधार पर सोमवार दोपहर तकरीबन एक बजे सीआइडी डीएसपी अनिमेष गुप्ता के नेतृत्व में संजय के कई दिनों से उक्त स्थान पर छिपकर रहने की सूचना के बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई।
बताया गया कि उक्त कांड में कारोबारी संजय पर 32, 0174500 की राशि झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से गबन का आरोप है। साथ ही आरोपी संजय पर सरायकेला थाना कांड संख्या- 119/2019 में भी प्राथमिकी अभियुक्त होने के साथ-साथ 41,430000 की राशि के झारखंड राज्य को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा से ही गबन का आरोप है। इस प्रकार कुल मिलाकर दो कांडों में प्राथमिकी अभियुक्त होने के साथ-साथ संजय कुमार डालमिया पर कुल 36 करोड़ 1604500 की राशि के गबन किए जाने का आरोप है। अपराध अनुसंधान विभाग झारखंड रांची द्वारा गिरफ्तार किए गए अभियुक्त संजय कुमार डालमिया को मंगलवार को चाईबासा के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र का निवासी है संजय
बताते चलें कि संजय कुमार डालमिया सरायकेला नगर पंचायत के वार्ड नंबर 6 के निवासी हैं। पहले गिरफ्तार होने वालों में बैंक मैनेजर सुनील कुमार सत्पथी, कर्मचारी मंशा राम महतो और मदन लाल प्रजापति शामिल हैं। एसीबी की ओर से अभी तक बैंक मुख्यालय में जांच शुरू नहीं की गई है।
क्रेडिट कमेटी के निर्देश के बगैर दिया गया लोन
सहकारिता बैंक नियमों के अनुसार पांच लाख से अधिक लोन देने के लिए मुख्यालय में क्रेडिट कमेटी का गठन किया गया है। यह किसी भी बड़े लोन को देने से पहले कई चरणों की जांच करती है। साथ ही यह भी बताया जाता है कि आवेदक इस कर्ज को चुका सकेगा या नहीं। या फिर उसके उपर पहले से कोई मामला है या नहीं। लेकिन आरोपित अधिकारियों ने बिना इस कमेटी से अनुमति लेते हुए संजय कुमार डालमिया को लोन दे दिया था। मालूम हो कि पहले से ही तत्कालीन महाप्रबंधक सुशील कुमार कई अनियमिताओं को लेकर आरोपों के घेरे में रहे हैं। जिसके बाद वे फिलहाल सस्पेंड हैं। वहीं, तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रदीप कुमार सावल सेवानिवृत्त हो चुके हैं।