झारखंड के इस शहर में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय, चोरी कर बेच देते बच्चों को Jamshedpur News
झारखंड के जमशेदपुर में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य बच्चा चोरी कर बेच देते हैं। एमजीएम अस्पताल से बुधवार को बच्चा चाेरी की ताजा घटना से लोग सकते में हैं।
जमशेदपुर, जासं। बच्चा चोर गिरोह झारखंड के जमशेदपुर शहर में सक्रिय है। यही कारण है कि लगातार बच्चों को चुराने की वारदात हो रही हैं। 4 सितंबर की घटना से पूर्व 2018 में भी एमजीएम अस्पताल से एक बच्चे को चुरा लिया गया था, जो कभी नहीं मिला। वहीं 2019 में एमजीएम से बच्ची चुरा उसे बेच दिया गया था।
कुछ दिन पहले सीडब्लूसी के अध्यक्ष आलोक भास्कर ने एसएसपी को शिकायत देकर बताया था कि रेलवे स्टेशन पर रहने वाली अलीशा जो भीख मांगकर गुजारा करती है, उसने बीते 11 जून को एमजीएम अस्पताल में बच्चे को जना था। उसके बच्चे को किरण देवी के हाथ बेच दिया गया था। अलीशा की परिचित संध्या देवी ने इसकी शिकायत सीडब्लूसी से की थी। जांच में मामला सही पाया गया था। साकची थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गई, लेकिन आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई। खोजबीन के बाद भी बच्चा नहीं मिला। वहीं एमजीएम अस्पताल के लेबर रुम के रजिस्टर की जांच जब सीडब्लूसी के सदस्यों ने की तो पता चला कि अलीशा नाम की कोई महिला यहां दाखिल ही नहीं हुई थी। मामला पेचीदा बन गया।
रेलवे स्टेशन से तीन वर्षीय बच्चे का अपहरण कर की गई थी हत्या
टाटानगर रेलवे स्टेशन परिसर से तीन वर्षीय बच्ची का बच्चा चोर गिरोह ने 25 जुलाई को उस समय अपहरण कर लिया था। जब वह अपनी मां के साथ सोयी हुई थी। गिरोह के रिंकू साहू और उसके सहयोगी कैलाश कुमार बच्ची की टेल्को रामाधीन बागान इलाके में दुष्कर्म के बाद गला काटकर हत्या कर दी थी। धड़ और सिर को अलग-अलग स्थानों पर छुपा दिया था। दोनों जेल में बंद है। इन पर बच्चा चोरी कर बिक्री करने का आरोप पहले से रहा है।
एमजीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल से बच्चे को चोरी कर लेने की घटना यहां की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। यह पहली दफा नहीं है जब बच्चा चोरी की घटना इस अस्पताल में हुई हो, बल्कि इससे पूर्व भी कई बार बच्चा चोरी की घटना यहां हो चुकी है। यह हाल तब है जब अस्पताल की सुरक्षा में हर साल करीब एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च होते हैं। हाल ही में 125 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
140 की जगह मात्र 30 सुरक्षाकर्मी
हालांकि, पहले की अपेक्षा होमगार्डो की संख्या घटा दी गई है। फिलहाल एमजीएम अस्पताल में कुल 140 सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है। इसके बदले में सिर्फ 30 ही सुरक्षाकर्मी तैनात है। हाल के दिनों में एमजीएम अस्पताल से मोटरसाइकिल से लेकर साइकिल व बच्चे की चोरी होने की घटनाएं बढ़ी हैं। इसे लेकर हर कोई चिंतित है।