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टिक-टॉक बनाने के लिए मालगाड़ी पर चढ़ा, करंट से मौत

टिक‍-टॉक बनाने की दीवानगी मासूम की जिंदगी पर भारी पड़ी। खड़ी पेट्रोल टैंकर ट्रेन के ऊपर चढ़कर वीडियो बनाने के क्रम में करंट से जान चली गई। उसे बचाने में साथी भी बुरी तरह झुलस गया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 11:22 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 02:14 PM (IST)
टिक-टॉक बनाने के लिए मालगाड़ी पर चढ़ा, करंट से मौत
टिक-टॉक बनाने के लिए मालगाड़ी पर चढ़ा, करंट से मौत

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टिक‍-टॉक बनाने की दीवानगी मासूम की जिंदगी पर भारी पड़ी। पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में टाटानगर स्टेशन से थोड़ी दूर सालगाझुड़ी-डेमकासाई के बीच खड़ी पेट्रोल टैंकर ट्रेन के ऊपर चढ़े छात्र मो. रेहान उर्फ मो. फैजल (11) की मौत 25 हजार वोल्ट के करंट से हो गई। जबकि दूसरा छात्र नावेद (10) भी करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया। उसे गंभीर स्थिति में टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भर्ती किया गया है।  मकदमपुर निवासी दोनों छात्र टैंकर पर टिक-टॉक (छोटा वीडियो) बनाने के लिए चढ़े थे। 

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मौके पर आरपीएफ व जीआरपी के जवानों के साथ ही मकदमपुर के लोग पहुंचे। वहां भीड़ एकत्र होने लगी थी और आक्रोशित थी। किसी तरह टैंकर से शव को नीचे उतारा गया और ट्रेन को वहां से रवाना किया गया। बीटी पीएमएमटी टाटा-हल्दिया पेट्रोल टैंकर ट्रेन किलोमीटर संख्या 247-6 सालगाझुड़ी आउटर के पास सिग्नल नहीं मिलने के कारण खड़ी थी। ट्रेन टाटा स्टील में पेट्रोल अनलोड कर टाटानगर स्टेशन से 12.30 बजे दिन में हल्दिया के लिए रवाना हुई थी। 

क्रिकेट खेलने के लिए निकले थे घर से 

मकदमपुर निवासी मो. रुस्तम का बेटा मो. फैसल व मो. जावेद का बेटा मो. नावेद क्रिकेट खेलने के लिए घर से निकले थे। सालगाझुड़ी के पास टैंकर की सीढिय़ों के सहारे मो. फैसल ऊपर चढ़ गया और सेल्फी लेने के साथ ही टिक-टॉक में वीडियो बनाने लगा। इसी दौरान ट्रेनों को चलाने के लिए लगे 25 हजार वोल्ट के तार की चपेट में वह आ गया। इससे वह बुरी तरह से झुलस गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। करंट के कारण मो. फैसल के कपड़ों में आग लग गई थी और उसके कपड़े राख हो गए।

बचाने के लिए ऊपर चढ़ा मो. नावेद 

इस दुर्घटना को देखकर नीचे खड़े मो. नावेद सीढिय़ों से टैंकर के ऊपर चढऩे लगा और फैसल का पांव पकड़कर नीचे खींचने का प्रयास किया। मो. नावेद जैसे ही मो. फैसल के पांव को पकड़ा, उसे भी 25 हजार वोल्ट का जोरदार झटका लगा और टैंकर नीचे गिर गया। नीचे आते ही वह बेहोश हो गया। 

चालक को हो गई दुर्घटना की जानकारी 

दुर्घटना को ट्रेन चालक ने देखा लिया और टाटानगर रेल अधिकारियों को सूचना दी। इसी बीच मकदमपुर मस्जिद कमेटी के मो. मोनव्वर हुसैन व मो. सिकंदर को दुर्घटना की जानकारी हुई। वे लोग छात्रों के परिजनों को इसकी सूचना दी। इसके बाद मकदमपुर व आस पास के लोग मौके पर एकत्र हो गए थे। वे लोग आक्रोशित होने लगे थे। इसी बीच आरपीएफ, जीआरपी सहित पुलिस मौके पहुंच गई और टैंकर के ऊपर पड़े शव को नीचे उतारकर टैंकर को वहां से रवाना किया गया।

खासमहल संत जेवियर स्कूल के छात्र

खासमहल स्थित संत जेवियर स्कूल की छठी कक्षा में मो. फैसल पढ़ता था। वह अपने मामा के यहां रहकर पढ़ाई करता था। इसी स्कूल की पांचवी कक्षा में मो. नावेद पढ़ता है। दोनों ही दोस्त थे। 

सऊदी अरब में हैं नावेद के पिता

मो. नावेद के पिता मो. जावेद सऊदी अरब में नौकरी करते हैं। बेटे की स्थिति के बारे में उनको जानकारी दे दी गई है। नावेद की दो बहनें हैं। 65 फीसद झुलसे नावेद को टीएमएच में भर्ती किया गया है। वहीं मो. फैसल के पिता मो. रुस्तम दिल्ली में टैक्सी चलाते हैं। परिजनों ने फैसल की मौत की खबर मो. रुस्तम को दे दी है। वे जमशेदपुर के लिए चल दिए हैं। 

क्या है टिक टॉक

‘टिक-टॉक’ एक सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन है, जिसके जरिए कोई स्मार्टफोन यूजर 15 सेकेंड तक की अवधि के छोटे-छोटे वीडियो बनाकर उसे शेयर कर सकता है। बाइट डान्स नामक कंपनी ने चीन में इसे सितंबर, 2016 में लांच किया था। भारत में टिक-टॉक के डाउनलोड का आंकड़ा 100 मिलियन के ज्यादा है। एक रिपोर्ट के अनुसार इसे हर महीने लगभग 20 मिलियन भारतीय इस्तेमाल करते हैं। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसकी दीवानगी सात-आठ साल की उम्र के छोटे-छोटे बच्चों के तक के सिर चढ़कर बोल रही है।


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