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बोले चंपई - कृषि की नई तकनीक व कृत्रिम व्यवस्था से आएगी हरित क्रांति

जिला स्तरीय किसान मेला का उदघाटन मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने किया।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 05:58 PM (IST)
बोले चंपई - कृषि की नई तकनीक व कृत्रिम व्यवस्था से आएगी हरित क्रांति
बोले चंपई - कृषि की नई तकनीक व कृत्रिम व्यवस्था से आएगी हरित क्रांति

सरायकेला/जमशेदपुर (जेएनएन)। कोल्‍हान प्रमंडल के सरायकेला स्थित स्थानीय सामुदायिक भवन के प्रांगण में गुरुवार को जिला कृषि विभाग के तत्वावधान में जिला स्तरीय किसान मेला का आयोजन किया गया जिसका उदघाटन मुख्य अतिथि के रुप में राज्य के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलन एवं आकाश में शांति के प्रतीक कबुतर व बैलून छोड़कर किया।

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इस मौके पर किसान मेला को संबोधित करते हुए मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि जिले में कुल प्रखंड है जहां के ग्रामीण क्षेत्र कृषि पर निर्भर है और शहरी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उद्योग का जाल बिछा है। जिले के किसान मेहनती हैं और यहां की जमीन उपजाऊ है। परंतु यहां के कृषि कार्य प्राकृतिक व्यवस्था पर निर्भर है जिसके कारण किसानों की मेहनत के अनुरुप फसलों का उत्पादन नहीं होता है।

नई तकनीक अपनाने पर दिया जोर

मंत्री ने कहा कि जिले की भौगोलिक स्थिति के अनुसार अगर नई-नई तकनिक के साथ कृषि कार्य की कृत्रिम व्यवस्था की जाए तो साल में तीन खेती होगी और जिले में हरित क्रांति आएगी और किसान आत्म निर्भर होगे, किसानों के बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी और उनका भविष्य उज्ज्वल होगा। सुदूरवर्ती क्षेत्र के गाव और शहर समानांतर में परिवर्तित होगा। मंत्री चंपई सोरेन ने कहा आज भी जिले के किसान कृषि कार्य में पारंपरिक पद्धति एवं हल-बैल तक ही सीमित रह गए हैं।

जिले के अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न तरह की जमीन है जहां अलग-अलग फसल का उत्पादन होता है। सिंचाई के अभाव में ऊंची जमीन परती रह जाती है। अगर प्राकृतिक व्यवस्था के साथ सिंचाई की सुविधा की जाए और किसान बंजर भूमी का उपयोग कर तरह-तरह की खेती करें तो जिले के किसान न केवल राज्य को बल्कि देश के विभिन्न शहरों में अपना कृषि उत्पादन भेज सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी फसल एवं आत्म निर्भर के लिए हल-बैल व पारंपारिक पद्धति को छोड़ कर नई तकनिक से खेतों को ट्रैक्टर से जोत कर खेती करनी होगी।

मंत्री ने कहा कि किसान नई तकनिक से उन्नत खेती करें एवं कृत्रिम व्यवस्था उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व बनता है। उन्होंने किसान मेले के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से किसानों को एक दूसरे से परिचय होता है जिससे उनमें उत्साह मिलता है, ईच्छा शक्ति व मनोबल बढ़ता है और आपस में अपने अनुभवों के साझाा करने का मौका मिलता है। 

 विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित ईचागढ़ की विधायक सविता महतो ने कहा कि मेले में किसानो को जो जानकारी प्राप्ति होगी, उससे किसान उत्साहित होंगे और नई तकनिक से खेती करने का ज्ञान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में जो किसान नई तकनिक का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, मेले में उन्हें इसकी जानकारी मिलेगी। विधायक सविता महतो ने ईचागढ़ विधाानसभ क्षेत्र में भी इस तरह के किसान मेला का आयोजन करने को कहा। ताकि किसानों को कृषि कार्य में बल मिले और आगे बढ़ें।


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