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औद्योगिक दुर्घटनाओं के विश्लेषण के लिए केंद्र सरकार गठित करे आयोग: संजीवा रेड्डी

भारत सरकार को औद्योगिक दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने और उनके मूल कारणों व कमी की जांच करने के लिए एक विशेष आयोग का गठन करना चाहिए। यह मांग इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की ओर से आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में की गइ।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 05:53 PM (IST)
औद्योगिक दुर्घटनाओं के विश्लेषण के लिए केंद्र सरकार गठित करे आयोग: संजीवा रेड्डी
116 औद्योगिक दुर्घटनाओं में लगभग 231 श्रमिकों की मौत।

जमशेदपुर : भारत सरकार को औद्योगिक दुर्घटनाओं का विश्लेषण करने और उनके मूल कारणों, कमी की जांच करने के लिए एक विशेष आयोग का गठन करना चाहिए। उक्त बातें बुधवार को इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की ओर से आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजीवा रेड्डी ने अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि सरकार और नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की रक्षा करने की जिम्मेदारी लेनी होगी और सुरक्षा संकट को तुरंत दूर करना होगा। हाल ही में पारित व्यावसायिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और काम करने की स्थिति संहिता पर सरकार ट्रेड यूनियनों की चिंताओं को दूर करने में विफल रही। इसका बहुत सीमित कवरेज है। ठेका श्रमिकों सहित और अन्य कर्मचारियों के बड़े वर्ग को छोड़ दिया गया है। श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों को तैयार करना होगा और मौजूदा कानूनों, निर्देशों को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए यूनियनों के साथ काम करना होगा। संवाददाता सम्मेलन को इंडस्ट्री ऑल के सहायक महासचिव केमाल ओजकान, इंडस्ट्री ऑल एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य संजय वाधावकर आदि ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि बड़ी संख्या में अप्रशिक्षित और अनिश्चित ठेका श्रमिकों को काम पर लगाना, खराब सुरक्षा निरीक्षण प्रणाली, सुरक्षा प्रोटोकॉल और सुरक्षा जागरूकता का कमजोर कार्यान्वयन, अपर्याप्त जोखिम आकलन, लापरवाही, आपातकालीन प्रक्रियाओं की खराबी से दुर्घटनाओं का दुषप्रभाव बढ़ा है। भारत में औद्योगिक दुर्घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय हैं हालांकि बहुत कम रिपोर्ट किया जाता है। कोविड.19 के कारण बड़ी संख्या में श्रमिकों की जान जा रही है। इसके अतिरिक्त लगातार घातक दुर्घटनाएं अब विनिर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत सुरक्षा निरीक्षण प्रणाली को मजबूत करते हुए इसकी जांच करनी चाहिए। दुर्घटनाओं की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। श्रमिकों की जीवन की रक्षा के लिए सार्वजनिक परामर्श और सुरक्षा उपायों में सुधार के लिए ट्रेड यूनियनों को शामिल करना चाहिए।

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116 औद्योगिक दुर्घटनाओं में लगभग 231 श्रमिकों की मौत

इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन ने देश में व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा की स्थिति में सुधार के लिए भारत सरकार से तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया है। यूनियन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि मई 2020 से जून 2021 के बीच देश भर में रासायनिक और खनन उद्योगों में लगभग 116 औद्योगिक दुर्घटनाओं में लगभग 231 श्रमिकों की मौत हुई। जनवरी से जून 2021 तक खनन और रासायनिक उद्योगों में हुई लगभग 52 औद्योगिक दुर्घटनाएं घटी जिसमें 117 से अधिक श्रमिक मारे गये और लगभग 142 कामगार गंभीर रूप से घायल हुए है। ये आंकड़े एक गंभीर स्थिति को संकेत कर रहे हैं। यह संख्या मीडिया रिपोर्टों और इंडस्ट्री ऑल ग्लोबल यूनियन की इकाइयों की ओर से सूचित दुर्घटनाओं पर आधारित हैं जबकि दुर्घटनाओं और मौतों की वास्तविक संख्या इससे बहुत अधिक हो सकती है। कोविड- 19 के कारण बड़ी संख्या में श्रमिकों की भी मौत हुई है जिनमें से कुछ कर्मियों की कार्य स्थलों पर फैले संक्रमण के कारण हुई हैण् यह आंकड़ा लगभग 1,857 है।


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