केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स में किया संशोधन, जानिए नकद निकासी को लेकर क्या हुए बदलाव
कालेधन पर कड़ा प्रहार करते हुए केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स की नियमावली 194 (एन) में संशोधन किया है जो पहली जुलाई 2020 से प्रभावी होगा।
जमशेदपुर (निर्मल)। कालेधन पर कड़ा प्रहार करते हुए केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स की नियमावली 194 (एन) में संशोधन किया है, जो पहली जुलाई 2020 से प्रभावी होगा। इस नियमावली के तहत यदि किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस के उपभोक्ता ने नगद निकासी की तो संबधित वित्तीय संस्थान ही दो से पांच फीसद टैक्स काट लेगा। इसका उद्देश्य कालाधन जमा न हो और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना है।
केंद्र सरकार ने आयकर के नियमों में जो नया बदलाव किया है वह बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोले गए कंरट (चालू खाता) व सेविंग (बचत खाता) दोनों के लिए प्रभावी होगा। यदि संबधित उपभोक्ता आयकर रिटर्न दाखिल करता है, तो उसके लिए नगद निकासी की लिमिट एक करोड़ रुपये तक बढ़ जाती है और उन्हें पांच के बजाय मात्र दो फीसद ही टैक्स देना पड़ेगा। संस्थान द्वारा काटी गई राशि केंद्र सरकार के खजाने में जमा की जाएगी।
उपभोक्ता को मिलेगा फार्म 16 (ए)
यदि संबधित उपभोक्ता ने नगद निकासी की है तो संबधित वित्तीय संस्थान उन्हें फार्म 16 (ए) देगा। जिसका इस्तेमाल वे उन्हें अपने आयकर रिटर्न में बताना होगा। ऐसे में सरकार को भी मालूम पड़ेगा कि संबधित उपभोक्ता ने एक वित्तीय वर्ष में कितनी नगद निकासी की है। साथ ही काटी गई राशि का क्रेडिट भी उन्हें प्राप्त होगा।
'जो उद्यमी या व्यापारी आयकर विवरणी जमा नहीं करते हैं। यदि वे 20 लाख रुपये तक की नगद निकासी एक वित्तीय वर्ष में करते हैं तो उन्हें पांच फीसद टैक्स देना होगा। इससे टैक्स की चोरी भी रुकेगी और नगद आहंरण की ट्रैकिंग भी हो पाएगी।
-विनोद सरायवाला, चार्टर्ड एकाउंटेंट