Jharkhand: झामुमो की धार को और मजबूत करेगा अलग सरना धर्म कोड का उत्सव
झारखंड में सरकार गठन के बाद पहली बार झामुमो किसी मामले को लेकर लोगों के बीच जा रही है। भारतवर्ष की जनगणना में अलग सरना धर्म कोड का प्रस्ताव राज्य सरकार ने विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेज दिया है।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) । झारखंड में सरकार गठन के बाद पहली बार झामुमो किसी मामले को लेकर लोगों के बीच जा रही है। भारतवर्ष की जनगणना में अलग सरना धर्म कोड का प्रस्ताव राज्य सरकार ने विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेज दिया है। अब इस मामले को लेकर झामुमो की केंद्रीय समिति ने लोगों के बीच ले जाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय समिति के निर्णय के प्रत्येक प्रखंड में इसे उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। 26 नवंबर को पूरे राज्य में यह उत्सव मनाया जाएगा।
झामुमो प्रखंड कमेटियों द्वारा इस अवसर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बूथ कमेटियों को इस संबंध में निर्देश दिया गया है। अलग सरना धर्म कोड झारखंड में झामुमो की धार को और मजबूत करेगा। सरकार गठन के बाद पहली बार संगठनात्मक दृष्टिकोण से यह पहला निर्णय है, जिसे लेकर बूथ से लेकर प्रखंड तथा जिले के पदाधिकारियों ने इसे सफल बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। तमाम तरह के आदिवासी व मूलवासी संगठनों को झामुमो द्वारा 26 नवंबर को आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की जा रही है। पूरे कोल्हान के लिए यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण है।
कोल्हान प्रमंडल के 14 विधानसभा क्षेत्र में 11 पर झामुमो के विधायक है। झामुमो के विधायक सह पूर्वी सिंहभूम के जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने इस संबंध में तमाम पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया है तथा कार्यक्रम के प्रखंड स्तर से ही रुपरेखा बनाने को कहा है। कार्यक्रम प्रखंड अध्यक्ष के नेतृत्व में ही होगा। इससे स्पष्ट है सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पारित करवाना का मामला झामुमो के सांगठनिक दृष्टिकोण से कितना महत्वपूर्ण है।