सीसीटीवी कैमरों के नाम पर होर्डिंग किराये पर दे कमा रहे लाखों रुपये
सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे देखने को नहीं मिलेंगे जहां विज्ञापन मिलने की गुंजाइश नहीं है।
गुरदीप राज, जमशेदपुर : लौहनगरी में पिछले आठ वर्ष से सीसीटीवी कैमरा लगाने का खेल चल रहा है। ये कैमरे ऐसे स्थानों पर लगाए गए हैं, जहां से धनोपार्जन हो सके। उन इलाकों व सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे देखने को नहीं मिलेंगे, जहां विज्ञापन मिलने की गुंजाइश नहीं है। लौहनगरी में 170 सीसीटीवी कैमरे स्थानीय एजेंसी ओएसिस एड कॉम सर्विसेस ने लगाए हैं। इस मुनाफे के सौदे को देखकर पटना की क्राफ्ट आउटडोर मीडिया भी सीसीटीवी कैमरा लगाने का झांसा देकर शहर के 40 ठिकानों पर अपनी बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाने में सफल हो गई है। यहां से प्रत्येक माह लाखों की कमाई इस नई एजेंसी को हो रही है। यह कंपनी वर्ष 2019 में लौहनगरी आई थी। करीब डेढ़ वर्ष से ज्यादा हो गए, लेकिन इस एजेंसी ने अपनी होर्डिंग में एक भी कैमरा नहीं लगाया है। सिर्फ होर्डिंग से ही धनोपार्जन की व्यवस्था की है।
होर्डिंग लगाने की इजाजत जेएनएसी ने सीसीटीवी कैमरा लगाने की शर्त पर दी थी। इसका इकरारनामा भी हो चुका है। कैमरे का खेल यदि इसी तरह जारी रहा तो शहर में होने वाले अपराध पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा। शहर में कई ऐसे स्थानों पर चोरी-छिनतई हो रही है, जहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। इससे बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए मुश्किल होने लगा है। सिर्फ मुख्य सड़कों पर ही सीसीटीवी कैमरे देखने को मिलेंगे। क्रॉस रोड जहां आपराधिक गतिविधियां ज्यादा होती हैं, वहां सीसीटीवी कैमरों का नामोनिशान नहीं है।
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सीसीटीवी कैमरे हो रहे खराब, लेकिन नहीं हो रही मरम्मत
लौहनगरी में ओएसिस एंड कॉम सर्विसेस की ओर से लगाए गए 170 कैमरों में से कई कैमरे खराब हो चुके हैं, लेकिन इसकी मरम्मत नहीं की जा रही है। कोरोना काल से पहले एक एक होर्डिंग में पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह की कमाई होती थी। इससे कैमरों की मरम्मत की जाती थी। लेकिन, कोरोना काल में होर्डिंग में विज्ञापन कम मिलने लगे हैं, इसके कारण ओएसिस एड कॉम सर्विसेंस एजेंसी भी ढीली पड़ने लगी है। कई स्थानों पर फाइबर कट चुके हैं। तार झूल चुके हैं। कैमरे खराब हो चुके हैं। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। कुल मिलाकर मेंटेनेंस का काम ठंडे बस्ते में चला गया है। टिनप्लेट चौक पर कैमरा खराब पड़ा है। टिनप्लेट से बारीडीह चौक तक एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। बिष्टुपुर वोल्टास बिल्डिग गोलचक्कर पर एक कैमरा है। इसके बाद जुगसलाई फाटक गोलचक्कर के पास एक कैमरा लगा है। बीच में एक भी कैमरा नहीं है। इस तरह जहां होर्डिंग लगाने की सुविधा है, वहीं कैमरा लगाया गया है। लौहनगरी में लगे 170 सीसीटीवी कैमरों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओएसिस एड कॉम सर्विसेंस की है।
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कम कीमत के कैमरों में मोटरसाइकिल का नंबर तक नहीं दिखता
लौहनगरी के चौक-चौराहों पर लगी होर्डिंग के नीचे सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, लेकिन अच्छी क्वालिटी का सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण मोटरसाइकिल का नंबर सीसीटीवी कैमरा में कैच नहीं कर पा रहा था। इसके कारण इन कैमरों को होर्डिंग से नीचे उतार कर पोल में ही लगा दिया गया। हाइट कम होने से खड़ी मोटरसाइकिल का नंबर तो सीसीटीवी कैमरा कैच कर रहा है। लेकिन स्पीड से कोई मोटरसाइकिल पार होती है तो उसका नंबर कैच करना अब भी इस कैमरे के लिए मुश्किल है। वहीं कहीं-कहीं अधिक क्षमता वाले कैमरे भी लगाए गए हैं। मानगो ब्रिज में लगे कैमरे की कैच करने की क्षमता अधिक है।
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'थंडरिग, फाइबर कटने व हवा चलने के कारण कई सीसीटीवी कैमरे खराब हो चुके हैं। इसके मेंटेनेंस करने वाले कर्मचारी बीमार हैं। उनके ठीक होते ही जल्द ही सभी कैमरों को दुरुस्त किया जाएगा। होर्डिंग से आने वाले खर्च से ही मेंटेंनेंस का काम व कर्मचारियों को वेतन देने के साथ एजेंसी के तीन पार्टनर को हिस्सा दिया जाता है। पटना की एजेंसी ने शहर में 40 होर्डिंग लगाए हैं, लेकिन एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया है।
- सत्यनारायण अग्रवाल, संचालक ओएसिस एड कॉम सर्विसेज एजेंसी
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शहर में कुछ कैमरे खराब हैं। उन्हें जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा। थंडरिग व फाइबर कटने से ये कैमरे खराब हुए हैं। मुख्य सड़कों व चौक-चौराहों पर लगे कैमरे से कई बदमाशों को पुलिस ने अब तक ट्रेस किया है ।
-अरविद कुमार, डीएसपी सीसीआर