सीसीएम ने दिए स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का बेहतर तरीके से रखरखाव हो। यह बात दक्षिण पूर्व रेलवे के चीफ कॉमर्शियल मैनेजर (सीसीएम-पैसेंजर सर्विस) सुबह इस्पात एक्सप्रेस से टाटानगर पहुंचे और स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का जायजा लेने के दौरान कही।
जासं, जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं का बेहतर तरीके से रखरखाव हो। यह बात दक्षिण पूर्व रेलवे के चीफ कॉमर्शियल मैनेजर (सीसीएम-पैसेंजर सर्विस) सुबह इस्पात एक्सप्रेस से टाटानगर पहुंचे और स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का जायजा लेने के दौरान कही।
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान सीसीएम ने प्रथम व द्वितीय वेटिग रूम, पार्सल, बुकिग काउंटर व पार्किंग क्षेत्र को देखा। इस दौरान उन्होंने यात्रियों के आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए पार्सल के सामान को स्टेशन पर इधर-उधर रखने के बजाय एक जगह पर व्यवस्थित रूप से रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा वे बर्मामाइंस छोर में बन रहे रेलवे के सेकेंड इंट्री गेट को भी देखा। साथ ही यहां कार्यरत ठेका कंपनी के अधिकारियों से बातचीत कर काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस मौके पर चक्रधरपुर मंडल के असिस्टेंट कॉमर्शियल मैनेजर हर्षित उरांव, टाटानगर रेलवे स्टेशन के सीसीआइ संतोष प्रसाद सहित रेलवे के अन्य उपस्थित थे।
उधर, रेलवे में कर्मचारियों का प्रमोशन के बजाय डिमोशन कर दिया जा रहा है। नया मामला चक्रधरपुर मंडल के सीनी स्टेशन के ऑपरेटिग विभाग में कार्यरत आरके झा का है। जिन्हें विभाग की ओर से वर्ष 2019 में प्रमोशन देकर सीनियर गुड्स गार्ड बनाया जाना था लेकिन अधिकारियों की गड़बड़ी से उन्हें वापस ग्रुप डी में डिमोशन कर दिया है। इस मामले में चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष पाठक से पूरे मामले में उनका पक्ष लेने के लिए पहले वाट्सएप पर मैसेज भेजा गया। साथ ही उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
चक्रधरपुर मंडल के अधिकारियों की मानवीय गड़बड़ी के कारण आरके झा न केवल मानसिक बल्कि वित्तीय परेशानी को झलने को मजबूर है।
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मामले की महाप्रबंधक से शिकायत
डिमोशन होने के बाद आरके झा ने मामले की लिखित शिकायत 16 सितंबर, 2020 को दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक से की। जवाब नहीं मिलने पर इन्होंने मामले की शिकायत केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल) में की। इसके जवाब में रेलवे ने आरोप लगाया कि आरके झा ने प्वाइंट-1 ए में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया। जबकि आरके झा का तर्क है कि उनके साथ 19 और कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने भी तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इसके बावजूद उन्हें 4200 ग्रेड पे में प्रमोशन देकर सीनियर गुड्स गार्ड बना दिया गया। जबकि मेरा 2800 ग्रेड पे से घटाकर 1800 ग्रेड पे कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह मामला केवल परिचालन विभाग से जुड़ा है जबकि यदि सहीं तरह से मामले की जांच की जाए तो वाणिज्य विभाग से चयनित ऐसे कर्मचारी मिलेंगे जिन्होंने निचले ग्रेड में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।